‘व्हीकल स्क्रैप यूनिट लगाने पर मिलेगा योजनाओं का लाभ’
गुरुग्राम, 17 अगस्त (हप्र)
हरियाणा सरकार ने प्रदेश में व्हीकल स्क्रैप यूनिट स्थापित करने वालों को प्रोत्साहन देने के लिए हरियाणा रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी (एचआरनीएसएफ) पॉलिसी तैयार की है। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस पॉलिसी के ड्राफ्ट को लेकर गुरुवार को गुरुग्राम के हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में संबंधित क्षेत्र के हितधारकों के साथ चर्चा की।
दुष्यंत ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देश पर उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने व्हीकल स्क्रैपिंग सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए नीति तैयार की है। इस नीति का उद्देश्य प्रदेश में प्रदूषण रहित व्हीकल स्क्रैपिंग यूनिटस को बढ़ावा देना है। हरियाणा में अब तक व्हीकल स्क्रैपिंग की पांच यूनिट भी स्थापित हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु, मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के लिए हरियाणा में अनेक कार्य हुए हैं। इसी तरह व्हीकल स्क्रैप करने वाली यूनिट्स को भी बढ़ावा देने के लिए भी नई नीति में अनेक प्रावधान किए गए हैं। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अधिकारियों ने नई नीति के ड्राफ्ट को पीपीटी के माध्यम से हितधारकों के समक्ष प्रस्तुत किया।
उन्होंने बैठक में व्हीकल स्क्रैप क्षेत्र में कार्यरत समूहों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि हरियाणा में सड़कों की अच्छी कनेक्टिविटी और मजबूत ढांचागत तंत्र के चलते व्हीकल स्क्रैप यूनिट क्षेत्र में अच्छी संभावनाएं है। इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अनूप धानक, विभाग के महानिदेशक शेखर विद्यार्थी, टेरी की निदेशक विभा धवन, टाटा, मारूति, हीरो, सीआईआई, महिंद्रा, वर्धमान आदि समूहों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
एमएसएमई क्षेत्र के लिए दिया 650 करोड़ का प्रोत्साहन
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा में एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए कोविड काल के उपरांत 650 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन दिया जा चुका है। हरियाणा में उद्योगों व एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए 9 नीतियों की अधिसूचना जारी हो चुकी है और छ: नीतियों पर भी काम जारी है। उप मुख्यमंत्री, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले मार्गदर्शन का जिक्र करते हुए बताया कि दिल्ली में बैठकर नीतियां तैयार होती है लेकिन उन्हें प्रभावी ढंग से क्रियांवित करने की जिम्मेवारी राज्यों के पास होती है। इसी तरह हरियाणा में उद्योगों व एमएसएमई को प्रोत्साहन देने की नीति चंडीगढ़ में अवश्य तैयार होती है लेकिन जिलों में इन नीतियों को आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी आपकी है।