कुश्ती संस्था ने बजरंग को किया निलंबित
नयी दिल्ली, 9 मई (एजेंसी)
कुश्ती की वैश्विक संचालन संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ( यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने डोप परीक्षण कराने से इनकार करने पर बजरंग पूनिया को अस्थाई तौर पर निलंबित करने के राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के फैसले के बाद उन्हें साल के अंत तक निलंबित कर दिया है। हालांकि, हैरानी भरे फैसले में नाडा के निर्णय की जानकारी होने के बावजूद भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने बजरंग की विदेश में ट्रेनिंग के लिए लगभग 9 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की।
देश के सबसे सफल पहलवानों में से एक बजरंग को नाडा ने 23 अप्रैल को निलंबित किया था। उन्हें इससे पहले 18 अप्रैल को रहने के स्थान संबंधी नियम के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया गया था। अपने बचाव में बजरंग ने कहा था कि उन्होंने कभी परीक्षण के लिए नमूना देने से इनकार नहीं किया, लेकिन डोप नियंत्रण अधिकारी से सिर्फ इतना पूछा कि वह नमूना लेने के लिए लाई गई ‘एक्सपायर्ड किट’ के बारे में विस्तार से बताएं। बजरंग ने कहा कि उन्हें यूडब्ल्यूडब्ल्यू से निलंबन के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है, लेकिन वैश्विक संचालन संस्था ने अपनी आंतरिक प्रणाली में अपडेट करते हुए स्पष्ट तौर पर जिक्र किया है कि वह 31 दिसंबर 2024 तक निलंबित हैं। इसमें कहा गया है कि कथित एडीआरवी (डोपिंग रोधी नियम का उल्लंघन) के लिए नाडा भारत द्वारा अस्थायी तौर पर निलंबित। मिशन ओलंपिक प्रकोष्ठ (एमओसी) को 25 अप्रैल की उसकी बैठक में सूचित किया गया कि बजरंग को रूस के दागेस्तान में 28 मई से ट्रेनिंग के उनके प्रस्ताव के लिए उड़ान किराए के अलावा 8.82 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
अब ट्रेनिंग के लिए नहीं जा रहा
साइ महानिदेशक संदीप प्रधान और टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना) के सीईओ कर्नल राकेश यादव ने उनकी ट्रेनिंग को स्वीकृति देने के फैसले के संदर्भ में कोई जवाब नहीं दिया। बजरंग ने पुष्टि की कि उन्होंने साइ को स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा था। उन्होंने साथ ही कहा कि उनका वकील नाडा को जवाब देगा। उन्होंने कहा, ‘मैं हैरान हूं कि साइ ने इसे स्वीकृति दे दी। मैंने असल में अपनी योजना रद्द कर दी है। मैं अब ट्रेनिंग के लिए कहीं नहीं जा रहा।’