कुश्ती हमारी सभ्यता, संस्कृति और भाईचारे की प्रतीक : हरेन्द्रपाल राणा
पलवल, 20 अगस्त (हप्र)
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व हरियाणा लोकसेवा आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. हरेन्द्रपाल राणा ने कहा है कि कुश्ती हमारी प्रचीन सभ्यता, संस्कृति व भाईचारे का प्रतीक खेल है जिसे आज भी दंगल के रूप में संजोए हुए हैं। ग्रामीण दंगल से जहां ग्रामीण प्रतिभाओं को निखरने का अवसर मिलता है, वहीं ऐसे आयोजनों से आपसी भाईचारा व सद्भाव भी बढ़ता है। हरेन्द्र राणा पलवल के ऐतिहासिक 120वें तीजों वाले दंगल की अध्यक्षता करते हुए अपना संबोधन दे रहे थे।
इस मौके पर पलवल के विधायक दीपक मंगला के जयपुर में राजनीतिक व्यस्तता होने के चलते उनके पुत्र दिव्यांक मंगला उर्फ मोंटी विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद रहे जबकि भाकियू के राष्ट्रीय सचिव रतन सिंह सौरोत, भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश प्रभारी मेहरचंद गहलोत, वरिष्ठ भाजपा नेता किशन ठाकुर, सूरज पांडे, गिरिराज पाठक, संजय प्रधान, संजय पार्षद, शेरन पहलवान, पप्पू प्रधान, हरिचंद भाटी, हरेंद्र भाटी, ललन ठाकुर, डॉ फतेह सिंह, हरगोपाल दीघोट आदि मुख्यरूप से मौजूद थे।
दंगल में एक लाख की सबसे बड़ी कुश्ती पहलवान युधिष्ठर घोड़ी और उमेश लाडपुर के बीच बराबरी पर छूटी जिसके चलते दोनों पहलवानों को आधा-आधा इनाम दिया गया, वहीं 31000 की कुश्ती फतेहपुर के मोहित पहलवान ने धतीर के लक्ष्मण पहलवान को चित्त करके जीती। 31000 की अन्य दूसरी कुश्ती में गुरु चरण सिंह का शिष्य सचिन पंचवटी अखाड़ा पलवल का मुकाबला मोना पहलवान झज्जर से बराबरी पर छूटा। इसी इनामी कुश्ती में दीपक चांदहट और सीताराम कोसी का मुकाबला बराबरी पर रहा। इसके अलावा 21000 की कुश्ती भीष्म और संदीप, भोला और विष्णु, रविंदर और हैप्पी की बराबरी पर रही। वहीं 11000 की कुश्ती पर 10 मुकाबले हुए। दंगल में लगभग कुश्तियों के 100 मुकाबले हुए तथा इनाम के तौर पर लगभग 4 लाख रुपये के इनाम वितरित किये गये।