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भविष्य की चिंता

07:27 AM Sep 22, 2021 IST

हिंसा, मारकाट और आतंक के बल पर अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार एक बार फिर कायम हो गई। प्रशासन के लिए जिस सरकार ने आकार लिया है, उसका वीभत्स चेहरा दुनिया को डराने लगा है। कई देशों ने इसके प्रति नाराजगी जाहिर की है, वहीं अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप शासन की जरूरत भी चाही है। विश्व बिरादरी से संतुलन और समन्वय की दिशा में अगर तालिबान का रुख अंतर्राष्ट्रीय कायदे कानून के हिसाब से नरम नहीं हुआ तो यह मान लिया जाना चाहिए कि अफगानिस्तान मुट्ठी भर देशों के साथ दुनिया से संघर्षरत रहेगा।

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अमृतलाल मारू, दसई, म.प्र.

खेलों पर जोर

खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए अच्छी पहल की है। वे टोक्यो में आयोजित ओलंपिक खेलों और पैरालंपिक में अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को देखकर और अधिक उत्साही हो गए हैं। उन्होंने राज्यों से कहा है कि खेलकूद के संबंध में चर्चा करें और यह खेल के क्षेत्र में अच्छा बुनियादी ढांचा बनाने के लिए मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने अधिक से अधिक पदक जीतने पर जोर दिया ताकि हमारा देश शीर्ष के पदकों की संख्या को छू ले। उम्मीद की जानी चाहिए कि उनकी खेल के प्रति रुचि देश में खिलाड़ियों के लिए एक नया उत्साह का संचार करेगी।

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नरेंद्र कुमार शर्मा, भुजड़ू, मंडी

समझ का फेर

पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिस कदर अपमानित कर दरकिनार किया गया है, उससे पार्टी को बड़ी हानि हुई है। हरियाणा में भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा को राज्य चुनाव से पहले दरकिनार करने की कोशिश की गई थी। उसका नतीजा यह रहा कि पार्टी वहां सत्ता के बहुत करीब पहुंच कर भी दूर रही। सभी घटनाओं से साफ है कि पार्टी नेतृत्व को साफ़ समझ ही नहीं है। यही कारण है कि कांग्रेस लगातार हाशिये पर जा रही है।

वेद मामूरपुर, नरेला

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