World Hindi Day : हकेंवि में ऑनलाइन हिंदी वेबिनार आयोजित
महेंद्रगढ़, 10 जनवरी (हप्र) : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) के अवसर पर विश्वविद्यालय के राजभाषा अनुभाग व नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), महेंद्रगढ़ की ओर से विश्व भाषा की ओर हिंदी के बढ़ते कदम विषय पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन हिंदी वेबिनार का आयोजन किया गया।
हिंदी संगम फाउंडेशन, न्यू जर्सी, अमेरिका से अशोक ओझा रहे मुख्य अतिथि
इस वेबिनार में अशोक ओझा, अध्यक्ष ,हिंदी संगम फाउंडेशन, न्यू जर्सी, अमेरिका, अलीना, आर्मेनिया, मोहम्मद फहीम ज़लांद, अफ़गानिस्तान, ज़ोलिला सोबिरोबा, उज्बेकिस्तान, प्रोफेसर बाबूराम, बाबा मस्तनाथ विश्ववद्यालय, रोहतक एवं डॉ. गंगाधर वानोडे, क्षेत्रीय निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद, मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप ऑललाइन जुड़े।
World Hindi Day: हिंदी को बढ़ावा देने के प्रयास जारी
कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार के संरक्षण में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन हिंदी वेबिनार के अवसर पर विश्वविद्यालय की हिंदी अधिकारी डॉ. कमलेश कुमारी ने कहा कि विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार के नेतृत्व में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु विश्वविद्यालय में माननीय कुलपति महोदय के संरक्षण में राष्ट्रीय महत्व के उत्सवों का आयोजन किया जाता है।
'मातृभूमि से जोड़ती है हिंदी'
वेबिनार की शुरुआत मुख्य अतिथि एवं वक्ताओं के स्वागत वक्तव्य के साथ हुई । तत्पश्चात माननीय कुलपति महोदय ने सभी को विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ दी एवं अपने संबोधन में कहा कि हिंदी हमें हमारी मातृभूमि से जोड़ती है और यह हमारी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी है । प्रो. गंगाधर वानोड़े, क्षेत्रीय निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद ने हिंदी विश्व परिप्रेक्ष्य में हिंदी की सार्थकता के बारे में रोचकता से जानकारी दी।
World Hindi Day : हिंदी के महत्व पर दिया बल
प्रोफेसर बाबूराम, बाबा मस्तनाथ विश्ववद्यालय, रोहतक ने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में हिंदी के महत्व पर बल देते हुए कहा कि हिंदी भाषा में शिक्षा के माध्यम से हम ग्रामीण व नागरीय अंतर को कम करके भारतवर्ष को शिक्षा के क्षेत्र में उचाई तक पहुंचा सकते हैं। अलीना, आर्मेनिया, ने बताया कि किस तरह से वैश्विक स्तर पर व्यावहारिक रूप से हिंदी का प्रयोग सफलता के साथ किया जा सकता है। मोहम्मद फहीम ज़लांद, अफ़गानिस्तान ने अफ़गानिस्तान व विश्व में हिंदी के बढ़ते प्रयोग पर प्रकाश डालते हुए कहा आज के युग में हिंदी में विश्व संपर्क की भाषा बनने की क्षमता है व हिंदी इस तरफ अग्रसर है ।
कार्यक्रम की इसी कड़ी में ज़ोलिला सोबिरोबा, उज्बेकिस्तान ने विश्व स्तर पर हिंदी से सबंधित अपने अनुभव को साझा किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अशोक ओझा, अध्यक्ष ,हिंदी संगम फाउंडेशन, न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य अमेरिका ने हिंदी के महत्व पर बल देते हुए कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने के साथ-साथ इस संयुक्त राष्ट्र संघ की सातवीं अधिकारिक भाषा के रूप में शामिल किया जाए तथा इसके लिए हम सब को मिलकर काम करना होगा।
वेबिनार के अंत में विश्वविद्यालय के हिंदी अधिकारी डॉ. कमलेश कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।