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बिना कांग्रेस आदमपुर से हमेशा लड़खड़ाया है भजन परिवार

07:04 AM Oct 11, 2024 IST
बिना कांग्रेस आदमपुर से हमेशा लड़खड़ाया है भजन परिवार
भजनलाल
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कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 10 अक्तूबर
इस विधानसभा चुनाव में आदमपुर विधानसभा सीट से 56 साल बाद भूतपूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के परिवार के सदस्यों को मिली हार देशभर में चर्चा का विषय है और इसके कारणों पर चर्चा भी हो रही है। आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में भजन लाल के पहले चुनाव से लेकर अब तक हुए सभी आम व उपचुनाव के आंकड़ों का विश्लेषण करें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि आदमपुर की जनता भजन लाल परिवार के साथ तब ज्यादा होती है जब यह परिवार कांग्रेस पार्टी में होता है। जब-जब इस परिवार को कांग्रेस छोड़ी है, यहां का कुछ वोट, जो निर्णायक होता है, इस परिवार से दूर हुआ। यह भी खास बात है कि जब-जब भजन लाल को छोड़कर परिवार के दूसरे सदस्य ने चुनाव लड़ा तो भी यहां के कुछ मतदाता इस परिवार से थोड़ा दूर हुए, चाहे वह भजन लाल की पत्नी जसमां देवी ही क्यों न हो। भजन लाल ने पहला चुनाव 1968 में कांग्रेस की टिकट से लड़ा और वर्ष 1977 का चुनाव जनता पार्टी की टिकट से लड़ा। इसके बाद भजन लाल ने वर्ष 2005 तक कांगेस पार्टी से ही चुनाव लड़ा। इस दौरान भजन लाल को अधिकतम 77.93 प्रतिशत वोट (वर्ष 2005 के आम चुनाव में) और न्यूनतम 57.15 प्रतिशत वोट (वर्ष 1996 के आम चुनाव में) मिले और इस समय इनके सामने भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बंसी लाल के पुत्र स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह ने चुनाव लड़ा था। हालांकि वर्ष 1987 में जब जसमां देवी ने यहां से चुनाव लड़ा था तो उनको 55.08 प्रतिशत वोट मिले थे। इसके बाद जब भजन लाल व कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़कर अपनी नई पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस (बीएल) बनाई तो भी यहां पर इस परिवार का वोट बैंक कम हो गया। इस पार्टी से भजन लाल ने 2008 में उपचुनाव लड़ा और उनको इस हलके से सबसे कम 49.36 प्रतिशत वोट मिले। इसके एक साल बाद वर्ष 2009 के आम चुनाव में जब यहां से कुलदीप बिश्नोई ने हजकां पार्टी से चुनाव लड़ा तो उनको 45.77 प्रतिशत वोट मिले जो इस हलके से इस परिवार को मिले अब तक सबसे कम वोट थे। वर्ष 2011 में भजन लाल की मृत्यु के बाद कुलदीप बिश्नोई ने विधायक पद से इस्तीफा दिया और हिसार लोकसभा का चुनाव लड़ा। इसके कारण आदमपुर सीट पर हुए उपचुनाव में कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई ने चुनाव लड़ा और उनको 48.06 प्रतिशत वोट मिले। उस समय इस परिवार के साथ सहानुभूति की लहर भी थी। वर्ष 2014 का आम चुनाव कुलदीप बिश्नोई ने हजकां प्रत्याशी के तौर पर लड़ा और उनको 47.10 प्रतिशत वोट मिले। वर्ष 2019 के चुनाव से पहले कुलदीप बिश्नोई ने अपनी पार्टी हजकां का विलय कांग्रेस में कर दिया तो इस चुनाव में बतौर कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई को आदमपुर हलके से 51.7 प्रतिशत वोट मिले जो भजन लाल की मृत्यु के बाद इस परिवार को मिले सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत था। इस परिवार के कांग्रेस पार्टी छोडऩे के बाद वर्ष 2022 में जब आदमपुर उपचुनाव हुआ तो भव्य बिश्नोई ने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और उनको आम चुनाव से थोड़े कम 51.40 प्रतिशत वोट मिले। इस बार के चुनाव में भव्य बिश्नोई का वोट प्रतिशत और गिरर गया और उनको 47.18 प्रतिशत वोट मिला जबकि यहां से जीतने वाले कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र प्रकाश को 48.01 प्रतिशत वोट मिले।

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