मांगें मनवाने के बाद ही लौटेंगे घर
संगरूर, 25 फरवरी (निस)
खनौरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों ने आज रैली की और घोषणा की कि वे केंद्र सरकार की मांगों को पूरा करने के बाद ही वापस जाएंगे।
इस मौके पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के बारे में कहा कि विश्व व्यापार संगठन किसान हितैषी फैसला नहीं लेता बल्कि यह कारपोरेट घरानों के हित में फैसले लेता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले मांगें मान लेनी चाहिए। मांगें मनवाए बिना वे यहां से हटने वाले नहीं, जल्द ही दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। इस बीच किसानों की बड़ी रैली के चलते खनौरी बॉर्डर पर आज माहौल तनावपूर्ण रहा।
बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे। किसानों में इस बात को लेकर भारी विरोध है कि केंद्र सरकार उनकी बात नहीं सुन रही, हरियाणा सरकार उन पर अत्याचार कर रही है और पंजाब सरकार शुभकरण को शहीद घोषित नहीं कर रही और न ही उसकी हत्या करने वाले आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर रही है। जगजीत सिह डल्लेवाल और अन्य किसान नेताओं ने कहा कि लड़ाई लंबी है, लेकिन जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को अपना भ्रम दूर कर लेना चाहिए कि किसान यहां से वापस चले जायेंगे। अगर किसान दिल्ली में बैठकर एक साल तक मोर्चा चला सकते हैं तो यहां भी दोनों मोर्चों पर बैठ सकते हैं।
किसान केंद्र द्वारा की गई बैरिकेडिंग को तोड़ने की क्षमता भी रखते हैं। उन्होंने हजारों किसानों से लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने किसानों से कहा कि वे अपनी ट्रॉलियों और सड़कों पर भी लोहे के शेड बनाएं ताकि वे लंबे समय तक यहां बैठकर संघर्ष कर सकें। उन्होंने कहा कि हम पूरी तैयारी के साथ आये हैं। वे मोदी के घुड़कियों से नहीं डरते।