डड्डूमाजरा के डंपिंग ग्राउंड से मिलेगा छुटकारा
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 19 मार्च (हप्र)
म्यूनिसिपल सेनेटरी इंस्पेक्टर्स और फेडरेशन आफ सेक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन आफ चंडीगढ़ (फॉसवेक) से जुड़े विभिन्न रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशंस (आरडब्ल्यूए) की महिला प्रतिनिधियों के बीच बेहतर समझ और संपर्क के लिए शहर के मेयर कुलदीप कुमार ने मंगलवार को सेक्टर 35 सी स्थित होटल मेट्रो में ‘सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट’ पर एक वर्कशॉप का उद्घाटन किया। यह वर्कशॉप शहर की स्वयंसेवी संस्था युवसत्ता, यूटी प्रशासन के पर्यावरण विभाग और फॉसवेक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी । इस वर्कशॉप में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशंस के लगभग 100 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मेयर कुलदीप कुमार ने कहा कि चंडीगढ़ को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में नंबर 1 बनाने के लिए सबका सहयोग जरूरी है।
वर्कशॉप में प्रतिभागियों को संबोधित करने वाले प्रमुख लोगों में चंडीगढ़ आप के सहप्रभारी डॉ. एसएस अहलूवालिया, नगर निगम पार्षद प्रेम लाला, स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी, नगर निगम, चंडीगढ़ डॉ. विनय मोहन, फॉसवेक के अध्यक्ष बलजिंदर सिंह बिट्टू, पर्यावरण विभाग के क्लाइमेट चेंज सेल की डॉ. रूपाली जंड्रोटिया और युवसत्ता के संस्थापक प्रमोद शर्मा शामिल थे। अपने स्वागत भाषण में बलजिंदर सिंह बिट्टू ने अनियमित वेंडर्स, सेक्टरों, गांवों और स्लम क्षेत्रों में पेइंग गेस्ट आवास के मुद्दों पर प्रकाश डाला, जो कचरे को अलग नहीं करते हैं और कभी-कभी इसे शहर की जल निकासी प्रणालियों में भी फेंक देते हैं। इससे शहर में चूहों और आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या के साथ वेस्ट मैनेजमेंट का संकट भी बढ़ जाता है।
बिट्टू ने आवारा कुत्तों के आतंक से निजात पाने के लिए शहर में ‘आवारा कुत्तों को गोद लेने के शिविर’ आयोजित करने का सुझाव दिया। डॉ. विनय मोहन ने अपने संबोधन में घरेलू स्तर पर प्रभावी वेस्ट मैनेजमेंट के लिए चार आर - रिफ्यूज, रिड्यूस, रियूज और रीसाइकिल के मंत्र को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने सुझाव दिया कि सभी हितधारकों की भागीदारी के साथ शहर देश में सर्वोत्तम अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं में नंबर 1 बन सकेगा। मेयर कुलदीप कुमार ने अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि वे अब न केवल शहर की वर्तमान वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम में सुधार करने के लिए बल्कि डड्डूमाजरा में वर्तमान डंपिंग ग्राउंड से छुटकारा दिलाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
इस डंपिंग ग्राऊंड से न केवल विषैली गैसें उत्पन्न होती हैं, बल्कि उस स्थान से उठने वाली दुर्गंध और कीटाणुओं के कारण घातक बीमारियां भी फैलती हैं। वहीं, डॉ. एसएस अहलूवालिया का विचार था कि किसी भी प्रभावी म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सफलता का पहला मंत्र समुदाय तक पहुंचने के लिए एक पद्धति को परिभाषित करने के लिए ‘सामुदायिक भागीदारी पहल की योजना
बनाना’ है।
नियमित बैठकों की आवश्यकता : प्रमोद शर्मा
प्रमोद शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि नगर निगम के फील्ड स्टाफ और संबंधित रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के बीच नियमित बैठकों की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। अपने समापन भाषण में डॉ. रूपाली जंड्रोटिया ने बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन के पर्यावरण विभाग के क्लाइमेट चेंज सेल में विभिन्न हितधारकों के बीच की दूरियों को कम के लिए इस तरह की और इंटरेक्शंस आयोजित की जाएंगी। साथ ही समन्वय में सुधार लाएंगे और बेस्ट वेस्ट मैनेजमेंट प्रेक्टिस की वकालत करेंगे।