For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

जहां तीर्थाटन का आनंद लेेते हैं पर्यटक

09:06 AM Jul 01, 2024 IST
जहां तीर्थाटन का आनंद लेेते हैं पर्यटक
Advertisement

बृज मोहन तिवारी
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के आसपास वैसे तो बहुत सारे मंदिर हैं। जैसे कालीबाड़ी, संकट मोचन, तारादेवी मंदिर इत्यादि। लेकिन यहां आने पर जिस मंदिर का सबसे अधिक आकर्षण एवं पौराणिक महत्व है वह जाखू पर्वत के शिखर पर स्थित श्री हनुमान जी का प्राचीन मंदिर। यहां घूमने आये पर्यटक भी सर्वप्रथम इसी मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने जाते हैं। इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षक केंद्र है 108 फुट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा। जिसे शिमला में किसी भी स्थान से देखा जा सकता है।

प्रचलित कथाएं

धारणा है कि जब हनुमान आकाश मार्ग से संजीवनी बूटी लेने के लिए हिमालय की ओर जा रहे थे तो उनकी दृष्टि जाखू पर्वत पर तपस्या पर लीन यक्ष ऋषि पर पड़ी। कालांतर से उनके नाम पर ही इस स्थान का नाम यक्ष से (अपभ्रंश) याक, याकू जाखू पड़ा। हनुमान जी संजीवनी बूटी के बारे में जानने के लिए इस स्थान पर उतरे थे। माना जाता है जाखू पर्वत जो पहले काफी ऊंचा था, उनके वेग से आधा पृथ्वी के गर्भ में समा गया।
मान्यता है कि हनुमान जी संजीवनी बूटी का परिचय जानने के बाद द्रोण पर्वत की ओर चले गये। किंवदंती है कि हनुमान जी जिस स्थान पर उतरे, वहां उनके चरण चिन्हों को कालांतर में संगमरमर से निर्मित करके सुरक्षित रखा गया है।
मान्यता है कि हनुमान जी को मार्ग में कालनेमि राक्षस से युद्ध करना पड़ा और उसे परास्त कर ही संजीवनी प्राप्त की। इस कारण हुई देरी के कारण हनुमान जी छोटे मार्ग अयोध्या होते हुए चले गये। वे वादे के अनुसार ऋषि से मिलने वापस नहीं आ सके। यक्ष ऋषि व्याकुल हो उठे। लेकिन हनुमान स्वयं ऋषि के सामने प्रकट हुए और न आने का कारण बताया। उनके अंतर्ध्यान होने के पश्चात एक स्वयंभू मूर्ति प्रकट हुई जो आज भी मंदिर में विद्यमान है।

Advertisement

मंदिर का समय

मंदिर खुलने का समय सुबह चार बजे का है। पूजा-अर्चना प्रात: 4 से 7 बजे तक चलती है। आरती प्रात: 7 बजे होती है। आरती के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है। सायंकालीन आरती गोधूलि वेला में होती है। मंदिर बंद होने का समय रात्रि गर्मियों में साढ़े आठ बजे का है और सर्दियों में 7 बजे।

Advertisement

मूर्ति स्थापना

इस मंदिर के परिसर में कई पेंटिंग हैं जो रामायण के दौरान हनुमान की कहानी को दर्शाती हैं। वर्ष 2010 में हनुमान की 108 फुट लंबी स्थापित मूर्ति अपने आप में एक आकर्षण है। रात की रोशनी में जगमगाता यहां का नजारा शिमला में कहीं से भी दिखाई देता है।

एस्केलेटर सुविधा

जाखू मंदिर जाने के लिए अब एस्केलेटर की सुविधा भी है। शिमला का जाखू मंदिर अकेला ऐसा मंदिर है जहां पर रोपवे, टैक्सी, पैदल मार्ग और एस्केलेटर के जरिए पहुंचा जा सकता है। एस्केलेटर को मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर हनुमान मूर्ति तक बनाया गया है।

विहंगम दृश्य

जाखू मंदिर, मॉल रोड और रिज से कुछ दूरी पर ऊपर पहाड़ी पर स्थित है। यहां से शिमला की शांत सुंदरता के दर्शन होते हैं। आसपास बड़ी संख्या में लंबे देवदार के वृक्ष हैं जो सुकुन का वातावरण बनाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। श्रद्धालु हनुमान मंदिर परिसर के आसपास बैठकर हनुमान जी की आराधना करते हैं।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×