आवेदन के बाद जब न आये रिस्पांस
शिखर चंद जैन
कई बार स्टूडेंट्स इस बात से परेशान हो जाते हैं कि जॉब के लिए कई जगह रिज्युमे भेजने और अप्लाई करने के बावजूद उनके पास जवाब ही नहीं आता। जॉब बोर्ड पर रिज्युमे शेयर करने और लिंकडइन सेटिंग अपडेट करने के बाद भी स्टूडेंट कॉल की उम्मीद करते हैं। कई बार तो इंटरव्यू हो जाने के बाद भी बात ठंडी पड़ जाती है। ऐसे में स्टूडेंट्स का निराश हो जाना स्वाभाविक है। आखिर ऐसा क्यों होता है? जानिये कि रिक्रूटर्स आपके जॉब एप्लीकेशन को किस नजरिये से डिकोड करते हैं ताकि आप जॉब के लिए आवेदन करने के बाद सक्रिय रहें और उसके अनुसार उपयोगी कदम उठा सकें :
विधिवत हो आवेदन
कैरियर एंड जॉब सर्च पोर्टल हेड होंकोज डॉट कॉम एवं क्वीजेक्स डॉट कॉम के फाउंडर देवाशीष चक्रवर्ती कहते हैं कि कई बार स्टूडेंट्स किसी सोशल नेटवर्क पर किसी पोस्ट के लिए अपनी दिलचस्पी व्यक्त कर देते हैं और पब्लिक प्रोफाइल के आधार पर जॉब देने का निवेदन करते हैं। असल में इस तरह के आवेदन का कोई महत्व नहीं जब तक आप अपनी फील्ड के कोई सीनियर प्रोफेशनल न हों । अगर कोई वैकेंसी विज्ञापित की गई है तो आपको उसके लिए विधिवत आवेदन करना चाहिए और अपना रिज्युमे अटैच करना चाहिए। इस ईमेल का रिकॉर्ड भी रखना चाहिए।
अप्लाई करने के बाद फॉलोअप
सही तरीके से आवेदन करने के बावजूद कभी-कभी आपका आवेदन हायरिंग मैनेजर और रिक्रूटमेंट एजेंसी की नजर से चूक सकता है। इसकी वजह है, उन पर काम का प्रेशर। इस स्थिति से बचने के लिए आपको एप्लीकेशन भेजने के एक-दो दिन बाद एजेंसी या मैनेजर से एप्लीकेशन की प्राप्ति की पुष्टि कर लेनी चाहिए। अगर आपने फॉलो अप नहीं किया तो रिस्पांस के चांस कमजोर हो सकते हैं।
सही योग्यता जांच लें
कई बार आप चांस लेने के लिए या अति उत्साह में ऐसे पदों के लिए भी आवेदन कर देते हैं जिनमें मांगी गई योग्यता आपके रिज्युमे में नहीं होती। जैसे कहीं सीनियर अकाउंटेंट या “की अकाउंट्स मैनेजर” की पोस्ट पर अप्लाई करने के लिए एक सामान्य अकाउंटेंट होना पर्याप्त नहीं बल्कि चार्टर्ड अकाउंटेंट अपेक्षित है। इसी तरह मार्केटिंग हेड की जिस पोस्ट के लिए एमबीए की अपेक्षा हो वहां मार्केटिंग एक्सपीरियंस के साथ ग्रेजुएशन काफी नहीं। इसलिए समझ-बूझ कर पोस्ट की जरूरत को ध्यान में रखकर ही आवेदन करें। वहीं अगर आप आवेदन में दी एकेडमिक क्वालीफिकेशन से ज्यादा योग्यता रखते हैं तो कवरिंग ईमेल में इसका जिक्र कर सकते हैं।
बेहतर उम्मीदवारों की भीड़
बेरोजगारी के चलते कई बार चपरासी जैसी साधारण पोस्ट पर इंजीनियर तक आवेदन कर देते हैं। नियोक्ता एजेंसियों के पास सामान्य पदों के लिए भी इतने बेहतरीन विकल्प उपलब्ध हो जाते हैं कि वे ज्यादातर आवेदन कर्ताओं रिज्युमे आदि के ठीक से पढ़ तक नहीं पाते। आपके आवेदन के बावजूद कॉल या रेस्पॉन्स न मिलने की यह एक बड़ी वजह हो सकती है।
आपका गलत इंप्रेशन
कभी-कभी आवेदन मिलने के बाद आपको हायरिंग मैनेजर फोन करता है और कुछ बातें करता है। इस दौरान आपके जवाब से वह आपके व्यक्तित्व और योग्यता का आकलन करने की कोशिश करता है। बातचीत के दौरान अगर आपके किसी जवाब से संतुष्ट न हो या आपके व्यक्तित्व से प्रभावित न हो तो आगे का रास्ता स्वतः बंद हो जाता है। हायरिंग मैनेजर चुप्पी साधना पसंद करता है।
आवेदनों की बौछार
कभी-कभी एक ही रिक्रूटमेंट एजेंसी कई कंपनियों के लिए काम करती है। संयोगवश अधिकारी के हाथ अलग-अलग कंपनियों में विभिन्न पदों के लिए किए गए आपके आवेदन लग जाएं तो इससे इंप्रेशन पड़ता है कि आप किसी पोस्ट के प्रति गंभीर नहीं हैं और न ही किसी विशेष भूमिका के निर्वाह के इच्छुक हैं। ऐसे में वह आवेदन को नजरअंदाज कर सकता है।
ध्यान रखने योग्य बिंदु
फोन पर दें सही जानकारी
कभी भी हायरिंग मैनेजर के फोन का जवाब देते हुए बढ़ा चढ़ाकर या कोई झूठी जानकारी न दें। इनको पर्सनल समझने की गलती न करें। उसकी हर बात आधिकारिक रूप से दर्ज होती है और आपके रिज्युमे से मैच किया जाता है। बेमेल तथ्य या जानकारी आपको अविश्वसनीय व्यक्ति साबित कर सकती है।
कड़वी बातें न बोलें
कॉल आने पर रिक्रूटर या अधिकारी को नियोक्ता कंपनी या उसके अधिकारियों के बारे में कभी कड़वी बात नहीं कहें। हो सकता है यही अधिकारी किसी दूसरी कंपनी के लिए भी काम करें। ऐसे में आप की छवि अशिष्ट व्यक्ति की बन सकती है।
मार्केट रेपुटेशन
काम के प्रति गंभीर और बड़े रिक्रूटर अक्सर नियुक्ति देने से पहले किसी भी व्यक्ति की मार्केट रेपुटेशन चेक करते हैं। इसलिए लोगों के साथ मृदु व्यवहार करें,विश्वसनीय बनें।