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चुनौतियों के साथ टूटा रिकार्ड लक्ष्य से ऊपर पहुंचा गेहूं का उत्पादन

01:36 PM Jun 06, 2023 IST
चुनौतियों के साथ टूटा रिकार्ड लक्ष्य से ऊपर पहुंचा गेहूं का उत्पादन
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रमेश सरोए/ हप्र

करनाल, 5 जून

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बे-मौसमी बरसात सहित तमाम चुनौतियों को देखते हुए देशभर में गेहूं के उत्पादन में भारी गिरावट की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन हुआ इससे उलट। केंद्र सरकार के तीन अनुमानों में गेहूं का उत्पादन देशभर में 112 मिलियन मीट्रिक टन की बजाए 112.74 मिलियन मीट्रिक टन रिकार्ड किया गया। भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों ने चौथे अंतिम अनुमान में 114-115 मिलियन मीट्रिक टन तक होने की प्रबल संभावना जताई गई हैं। क्योंकि इस बार गेहूं का क्षेत्रफल भी पिछले साल की अपेक्षा 33 मिलियन हेक्टेयर से बढ़कर 34 मिलियन हेक्टेयर से अधिक रहा। अगर राज्यों की बात करें तो मध्य प्रदेश देशभर में गेहूं उत्पादन के मामले में पहले स्थान पर है, क्योंकि इस राज्य में गेहूं का क्षेत्रफल ओर उत्पादकता बढ़ी हैं।

भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि नवंबर माह तक 112 मिलियन मीट्रिक टन का लक्ष्य था, लेकिन अब तक के तीन अनुमानों में ये 112.74 तक पहुंच चुका है, जो चौथे अनुमान में 114 से 115 मिलियन मीट्रिक टन से भी ऊपर जाने की उम्मीद है। इसके पीछे कई कारण है, पिछले साल की अपेक्षा एक मिलियन हेक्टेयर से ज्यादा गेहूं का क्षेत्रफल बढ़ा है, साथ ही देशभर में पिछले 5 सालों में विकसित हुई गेहूं की प्रजातियों की 82 प्रतिशत में बिजाई की गई थी।

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बेमौसमी बरसात भी पैदावार बढ़ाने में बनी सहायक

संस्थान डायरेक्टर ने बताया कि मार्च के महीने में आई बरसात से तापमान में गिरावट आई थी, जिससे गेहूं की पकाई अवधि 10 से 12 दिन बढ़ गई। जो पैदावार बढ़ाने में काफी सहायक साबित हुई। उन्होंने कहा कि बरसात व तेज हवाओं की वजह से फसल गिर गई थी, लेकिन तब तक गेहूं का दाना बन चुका था। बरसात से किसान ओर हम लोग परेशान थे, लेकिन नुकसान नहीं हुआ।

पंजाब की थी चिंता : डायरेक्टर ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि आशंका पंजाब को लेकर थी, लेकिन तब तक फसलों में दाना बन गया थ। प्रति हेक्टेयर 5 टन उत्पादन रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र की 7 प्रजातियां है, इनमें डीबीडब्ल्यू 187, डीबीडब्ल्यू 322, डीबीडब्ल्यू 222, डीबीडब्ल्यू 303, डीबीडब्ल्यू 327, डीबीडब्ल्यू 332 करीब 7 प्रजाती सेंटर की है, इसके अलावा भारतीय कृषि अनुसंधान नयी दिल्ली है व उसके संस्थान इंदौर की कुछ प्रजातियां है, करीब 25 से 30 गेहूं की प्रजातियां है, जो देशभर में काफी अच्छा एरिया कवर कर रही है।

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