मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

कराग्रे वसति व्हाट्सएप, हस्त बंधने मोबाइलाया

06:30 AM Apr 12, 2024 IST

रामविलास जांगिड़

Advertisement

सभी सरकारी ऑफिसर अपना ऑफिस व्हाट्सएप पर सजाते हैं। तरह-तरह के सरकारी ग्रुप व्हाट्सएप पर सरक-कार का झुनझुना बजाते हैं। ग्रुप के भीतर ग्रुप! ग्रुप के बाहर ग्रुप! ग्रुप के अंदर ग्रुप! ग्रुप ही ग्रुप! सरकारी आज्ञा, आदेश, नियम, निर्देश, योजना, क्रियान्विति, मॉनिटरिंग, मूल्यांकन आदि का पचड़ा व्हाट्सएप ग्रुप का सच्चा अखाड़ा है। मैसेज, ऑडियो, वीडियो, फोटो बखेड़ा है! कट-पेस्ट फॉरवर्ड! कटिंग पेस्टिंग फॉरवर्डिंग!! सरकारी खेल चालू है! टीचर व्हाट्सएप ग्रुप पर पढ़ा रहा है और विद्यार्थी ग्रुप में कहीं ओर पार्टी मना रहा है। अफसर व्हाट्सएप पर कुरकुरी रिश्वत खा रहा है और नेता व्हाट्सएप से कुर्सी पर नजरें जमा रहा है। सभी सरकारी कार्यालय व्हाट्सएप पर जारी है और प्रेमी-प्रेमिका को व्हाट्सएप की बीमारी है। दुनिया में व्हाट्सएप ही भारी है।
पीर-पंडित गण गला फाड़ रहे हैं- कराग्रे वसति व्हाट्सएपा, कर मध्ये भी व्हाट्सएपा। कर मूले व्हाट्सएपा, हस्त बंधने मोबाइलाया। शेर और बकरी एक ही तालाब पर पानी पीते हैं; तालाब का नाम है व्हाट्सएप! नेता और डाकू अपना सम्मेलन एक साथ करते हैं, जगह का नाम है व्हाट्सएप! चोर और साहूकार एक जगह मंडी लगाए बैठे हैं, मंडी सजी है व्हाट्सएप! अगर कोई सरकार व्हाट्सएप बंद कर दे तो सरकार उसी क्षण गिर जाएगी। अगर कोई प्रेमी व्हाट्सएप बंद कर दे तो प्रेमिका उसी क्षण बिदक जाएगी। हलवाई व्हाट्सएप न खोले तो उसके पकोड़े हवा हो जाएंगे। काकी व्हाट्सएप पर चूड़ियां खनका रही है और भैंस लिपस्टिक की नई शेड व्हाट्सएप पर चिपका रही है। सारे देवता व्हाट्सएप पर फूलों की बरसात कर रहे हैं और सारे पीर-पैगंबर व्हाट्सएप पर प्रेम गीत गा रहे हैं।
हे व्हाट्सएप देव! प्लीज! ऐसे धोखा मत देना! सकल पदारथ हैं जग माहीं, बिन व्हाट्सएप कछु पावत नाहीं! व्हाट्सएप बिना चैन कहां रे! सोना नहीं, चांदी नहीं, व्हाट्सएप तो मिला! अरे व्हाट्सएप कर दे! व्हाट्सएप बिना कवि सारी कविताएं भूलकर मूंगफली बेचने के धंधे में उतर जाएंगे। व्हाट्सएप बिना सारे बादल बिन बरसात किए यूं ही छितर जाएंगे। गुड्डू को नाश्ते में, अफसर को लंच में और बीवी को डिनर में सिर्फ व्हाट्सएप चाहिए! जरिए व्हाट्सएप खनखनाती गर्मी में सावन की बरसात लाइए। चादर ओढ़ रात ढाई बजे जापानी कन्या संग प्रेम गीत गाइए! मुझे बहुत डर लग रहा है। हे व्हाट्सएप देव! अगर किसी रात आप बंद हो गए तो हमारी सरकार का क्या होगा? हमारे अफसरों का क्या होगा? सरकारी कार्यालय तो बंद ही हो जाएंगे। हमारी प्रेमिकाओं को क्या होगा?

Advertisement
Advertisement