गुरुओं की वाणी, उनके बताये रास्ते पर चल कर हो सकता है कल्याण : संत राजेंद्र सिंह
पानीपत, 13 अक्तूबर (हप्र)
खालसा प्रचार गुरुद्वारा संत भवन इसराना साहिब में दशहरा के उपलक्ष्य पर रविवार को सालाना समागम का आयोजन धूमधाम से किया गया। इसमें हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान व उत्तराखंड के अलावा विदेशों से भी संगत ने समागम में शामिल होकर गुरुद्वारा इसराना साहिब में माथा टेका।
वहीं, सालाना समागम में आई संगत को दिए संदेश में संत बाबा राजेंद्र सिंह खालसा ने कहा कि गुरुओं की वाणी व उन द्वारा बताये रास्ते पर चल कर ही कल्याण हो सकता है और गुरुओं द्वारा दिए उपदेश पर ही चलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गुरुग्रंथ साहिब धार्मिक, सहनशीलता व आपसी सद्भाव का प्रतीक है, जो इंसानियत व मानव कल्याण का रास्ता दिखाता है। उन्होंने बताया कि संत बाबा संतोख सिंह महाराज दशहरा दसवीं के दिन 1940 में हरपालके गांव से घर बार त्याग कर अपनी जिम्मेदारियां बड़ों के हवाले कर भक्ति के मार्ग पर निकलें थे। दसवीं पर्व दरबार साहिब, संत बाबा संतोख सिंह महाराज के चक्रवर्ती होने को समर्पित कर मनाया जाता है।
समागम में पहुंची समाजसेवी सुमित्रा जागलान ने इसराना साहिब में माथा टेक आशीर्वाद लिया और उन्हें सिरोपा भेंट किया गया। इस अवसर पर रागी भाई हरजिंद्र सिंह, प्रिंसिपल सुखवंत सिंह, रागी ईश्वर सिंह, रागी भाई गगनदीप सिंह, रागी हरजोत सिंह जख्मी, कथा वाचक ज्ञानी शेर सिंह व ज्ञानी जानपाल सिंह द्वारा मौजूद संगत को सिखी इतिहास व गुरुवाणी, शबद गायन, गायिकी द्वारा सिखों का इतिहास व गुरुवाणी सुना संगत को निहाल किया। सालाना समागम के मौके पर गुरुद्वारा में दिनभर अटूट लगंर भी चलता रहा। इस मौके पर सरदार दलविंद्र सिंह मौजूद रहे।