शहर मंडी में पानी निकासी, कबाड़ की समस्या से बिगड़े हालात
अम्बाला शहर, 20 अक्तूबर (हप्र)
एक ओर धान लिफ्टिंग को लेकर जहां क्षेत्र की सबसे बड़ी अम्बाला शहर की अनाज मंडी जिला में सबसे आगे है वहीं पानी निकासी और कबाड़े की समस्या बुरी तरह बिगड़ चुकी है।
हालांकि डीसी पार्थ गुप्ता के कड़े तेवरों को धता बताते हुए अभी तक जिला में औसत मात्र 45 प्रतिशत उठान ही हो पाया है वहीं अम्बाला शहर में उठान 75 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। इसी बीच शहर मंडी में निर्धारित नमी वाले धान पर रेट कट नहीं लगने के कारण अन्य मंडियों का धान भी आने लगा है जिससे आवक में तेजी हो गई है। शहर मंडी में आज रविवार को फिर से धान की बोली नहीं हुई।
शहर मंडी के आढ़तियों संतीव गर्ग, असीम मोनू, जिला प्रधान दूनी चंद दानीपुर, अजय कुमार, गौरव गुप्ता आदि की मानें तो मंडी में जहां निकासी व्यवस्था बुरी तरह बिगड़ चुकी है वहीं कबाड़े के ढेरों ने मंडी में धान डालने के लिए जगह ही नहीं छोड़ी है। इससे मंडी में जाम की स्थिति बनी रहती है। वहीं एक्टेंशन-1 के पीछे पानी ने अपना साम्राज्य बना रखा है जिससे वहीं फसल डालने की स्थिति ही नहीं रही। आढ़तियों की माने तो अधिकारियों को यह समस्या बताने पर कोई हल नहीं निकल रहा बल्कि उलटे जवाब मिलते हैं।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता द्वारा किसी भी स्तर पर धान उठान कार्य में किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आने पर कड़ी कार्रवाई की दी गई चेतावनियों का कोई असर नहीं हुआ।
केवल अम्बाला शहर मंडी की स्थिति कुछ कंट्रोल में हैं लेकिन अन्य लगभग सभी मंडियों में उठान व्यवस्था चरमरा चुकी है।
'' शहर मंडी में दूसरी मंडियों का भी धान आने से दिन के समय कबाड़ा उठाने वाली ट्राली को घुसने के लिए जगह नहीं होती। रात को 12 बजे से तड़के 3 बजे तक 2 ट्राली कबाड़ा ही उठ पा रहा है। एक्टेंशन-1 के पीछे नया नाला बनना प्रस्तावित है जिसके लिए टेंडर भी हो चुका है। नया नाला बनने से ही समस्या का स्थायाी समाधान हो पाएगा। निर्धारित नमी वाने धान पर कोई रेट कट नहीं लग रहा। लिफ्टिग के लिए आज भी बोली नहीं करवाई गई। ''
-दलेल सिंह, सचिव मार्केट कमेटी अम्बाला शहर।