विधि ने समझाई ‘निधि’ की तरकीब और जगमग हुई ‘ज्योति’ कन्या विधि
ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 2 अक्तूबर
नवरात्रि पर आइए बात करें ऐसी विधि की जिससे मिली निधि की तरकीब। यह विधि मिगलानी नाम है उस कन्या का जिसने महिलाओं को जागरूक किया, निधि यानी धन की बचत के लिए। जब नेक काम के लिए कदम उठे तो ज्योति भी जगमग हुई। इरादे नेक थे, सपने सतरंगी थे तो पुरस्कृत हुईं और उम्मीद के धागे संग बनती चली गयीं धन सारथी। जी हां, हम बात कर रहे हैं कैथल की 12वीं कक्षा की उस छात्रा विधि की, जो अन्य महिलाओं के जीवन में खुशियों के रंग भर रही है। रंग भर रही है उनकी आर्थिक तौर पर मदद करके, उन्हें अपने अधिकारियों के प्रति जागरूक करके।
छात्रा का कहना है कि आज भी बेटियों व महिलाओं को तो बचत करने के लिए कहा जाता है जबकि बेटों को धन कमाने के गुर सिखाए जाते हैं। उन्हें जब यह बात समझ आई तो उन्होंने महिलाओं को बैंकिंग, बीमा, रियल एस्टेट, संपत्ति के अधिकारों के बारे में जागरूक करना शुरू कर दिया। बेटी विधि ने ग्राउंड पर पाया कि ग्रामीण क्षेत्र में आज भी बहुत ही महिलाएं ऐसी हैं जिनके बैंक में खाते नहीं खुले, महिलाओं ने बैंक में 50 रुपए व 250 रुपए में होने वाले सरकारी बीमा पॉलिसी तक के बारे में नहीं पता है।
विधि ने बीड़ा उठाया कि अब वह महिलाओं को न केवल उन्हें उनके वित्तीय अधिकारियों के प्रति जागरूक करेगी बल्कि उनके बैंकों में खाते भी खुलवाएगी, उनके बीमे करवाएगी। उन्होंने धन सरथी के माध्यम से अपनी इस मुहिम को पंख लगाए और विधि के व्यक्तिगत प्रयास से जो शुरुआत हुई वह एक अखिल राष्ट्रीय वित्तीय सशाक्तीकरण संगठन धन सारथी में बदल गई, जिसने भारत के राज्यों में 5000 से अधिक महिलाओं के और 2500 परिवार इकाइयों में सशक्त बनाया। तीन वर्ष पहले शुरू किए गए अपनी धन सारथी मुहिम के तहत गांव गांव महिलाओं के बीच गई और उनके बैंक खाते खुलवाकर महिलाओं को अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं में नामांकन करने के लिए प्रोत्साहित किया और इन योजनाओं का लाभ दिलवाना शुरू किया।
धन सारथी गाइड टू फाइनेंशियल को अमेरिका में मिला प्रोत्साहन : विधि द्वारा लिखी गई धन सारथी गाइड टू फाइनेंशियल लिटरेसी को अमेरिका भी सराह गया और उन्हें इसके लिए प्रोत्साहन भी मिला। उन्होंने एक शोध पत्र लिखा जिसमें महिलाओं वित्तीय विषयों जैसे सोने के निवेश, शेयर बाजार, रियल, बीमा, संपत्ति का अधिकार और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए डिजाइन की गई इस पुस्तक में अमेरिका की संस्था सिगमा द्वारा चुना गया और उनके प्रोत्साहित भी किया गया।
सोशल मीडिया के माध्यम से बना मदद करने वालों का ग्रुप
विधि बताती है कि शुरुआती दौर में तो उन्होंने स्वयं व अपने परिवार के माध्यम से कुछ महिलाओं की मदद की फिर कुछ दोस्त भी जुड़े, लेकिन उन्होंने अब सोशल मीडिया के माध्यम से 200 ऐसे स्कूल, कॉलेज के छात्र-छात्राओं का ग्रुप बनाया है जो जरूरमंद महिलाओं की मदद करता है। उन्होंने अनेक महिलाओं को सिलाई मशीनें व सिलाई का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया है। उन्होंने ब्राह्मणीवाला गांव की एक ऐसी बेटी पुष्पा की मदद की जिसने पिता की मृत्यु के 10वीं की पढ़ाई छोड़ दी और परिवार के वह दिहाड़ी करने लगी, लेकिन ग्रुप ने उसकी मदद की और अब वह अपने भाई-बहनों व परिवार का गुजारा ठीक से कर रही है।
स्वयं सहायता समूह के माध्यम से की जा रही मदद
विधि बताती है कि स्वयं सहायता समूह के माध्यम से भी वे महिलाओं की मदद करती हैं। इन ग्रुपों के माध्यम से वे महिलाओं को छोटी-छोटी ट्रैनिंग दिलवाकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही हैं। उनके लिए सिलाई मशीनों की प्रबंध करती है। फिर उन्हें स्वयं के रोजगार के लिए प्रेरित करती है और फिर महिलाओं के सपनों को लगने लगते हैं पंख।
ज्योति के जीवन को कर दिया रोशन
विधि ने कैथल जिले की ही एक महिला ज्योति की मदद की। ज्योति अपने बच्चों को 12वीं के बाद कॉलेज में पढ़ाई करवाने में सक्षम नहीं थी। विधि ने ज्योति को न केवल प्रेरित किया बल्कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत उन्हें कौशल प्रदान करवाया। कौशल प्रदान करने के बाद अब उनके बच्चे 15 हजार रुपये की नौकरी भी कर रहे हैं। अब ज्योति की सोच ऐसी बदली कि जहां वह आर्थिक रूप से समृद्ध होने लगी है और ज्योति का जीवन रोशन होने लगा है।