नाकामियों पर पर्दा
चार सितंबर के दैनिक ट्रिब्यून में राजकुमार सिंह का लेख ‘चुनावी आहट से करवट लेती राजनीति’ चुनाव आते देख राजनीतिक दलों की घबराहट बताने वाला था। पहली बात तो यह है कि राजनेताओं को भ्रम है कि जनता की याददाश्त कमजोर होती है और नेतृत्व परिवर्तन करने से वह पार्टी की विफलताओं को भूल जायेगी। वास्तव में राज्यों में स्थानीय मुद्दों का जोर होता है और जनता इतनी आसानी से कुशासन व नाकामियों को नहीं भूलती है। यही वजह है केंद्र सरकार ने पिछले कुछ समय में उत्तराखंड में तीन मुख्यमंत्री बदल दिये। चुनाव सिर पर हैं और नये मुख्यमंत्री से यह उम्मीद रखना कि वह पिछले चार साल की पार्टी शासन की नाकामियों से पार्टी की सरकार को उबार देगा, सिर्फ भ्रम ही है। महत्वपूर्ण लेख के लिये साधुवाद!
मधुसूदन शर्मा, रुड़की, उत्तराखंड
रोक लगे
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हाल ही में चीन ने ऑनलाइन गेमिंग के नियम और कड़े करने का फैसला लिया है। दरअसल, बच्चे अपना ज्यादातर समय ऑनलाइन गेम्स पर ही गंवा देते हैं, जिससे बच्चों के स्वभाव और व्यवहार में बदलाव दिखने लगे थे। गेम्स की बढ़ती लत उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर गंभीर असर डाल रही थी। अब बच्चे वीकेंड में गेम्स पर एक घण्टे से ज्यादा समय व्यतीत नहीं कर पाएगे। चीनी सरकार द्वारा उठाया यह सख्त कदम अवश्य ही परिवर्तन लाएगा।
सुकृति सैनी, डेराबस्सी, पंजाब
विडंबना
हाल ही में उच्चतम न्यायालय में तीन महिला न्यायाधीशों ने शपथ ली थी और उसी दिन एक महिला, जिसका भारतीय कानून व्यवस्था से विश्वास उठ चुका था उसने निराश होकर उच्चतम न्यायालय के सामने आत्मदाह कर लिया। इससे बड़ी विडंबना की बात और क्या हो सकती है।
कवरीन कौर, लुधियाना