जींद में बेमौसमी बारिश से धान, बाजरा, कपास की फसलों को नुकसान
जींद, 19 सितंबर (हप्र)
बृहस्पतिवार सुबह हुई बारिश से खेतों में खड़ी धान, बाजरा और कपास की फसलों को नुकसान हुआ है। मौसम के इस तरह के एकाएक बदले मिजाज ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जींद और आसपास के क्षेत्र में बृहस्पतिवार सुबह मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। आसमान में काली घटाएं छाने लगीं। कुछ देर बाद बारिश शुरू हो गई। कहीं तेज बारिश तो कहीं हल्की बारिश हुई। इस बेमौसमी बारिश से खेतों में खड़ी धान, बाजरा और कपास की फसलों को नुकसान हुआ। इस समय धान और बाजरा की फसल में बूर आया हुआ है। बारिश में बूर झड़ गया। इससे धान और बाजरा दोनों की पैदावार पर बुरा असर पड़ेगा। जींद जिले में लगभग सवा लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हुई है।
इसी तरह बाजरा की फसल भी बूर में है और बारिश में बाजरा की फसल का बूर झड़ने से पैदावार पर विपरीत असर पड़ेगा। खेतों में खड़ी कपास की फसल के लिए भी बेमौसमी बारिश को नुकसानदायक माना जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र जींद के पूर्व प्रभारी डॉ. यशपाल मलिक के अनुसार बेमौसमी बारिश धान, बाजरा और कपास तीनों फसलों के लिए नुकसानदायक है।
जरूरत के समय दगा दे गई बारिश, अब बेमौसम बरस रहे बदरा
जींद जिले में इस बार मानसून की बारिश सामान्य से लगभग 50 प्रतिशत कम रही है। जब धान और गन्ने की फसल को बारिश की सख्त जरूरत थी, तब बारिश नहीं हुई। मानसून के दगा दे जाने से किसानों को धान और गन्ने की फसल को बचाने के लिए महंगा डीजल फूंकना पड़ा। इससे दोनों फसलों की लागत बढ़ गई। अब जब धान की फसल में दाने पड़ने हैं, तब बेमौसमी बारिश धान की फसल के लिए आफत बनकर बरस रही है।