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हाईकमान के पैनल से नाखुश एनएसयूआई चेयरमैन ने दिया इस्तीफा

07:40 AM Aug 29, 2024 IST
चंडीगढ़ में बुधवार को पंजाब विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी प्रधान पद की उम्मीदवार अर्पिता मलिक संबोधित करते हुए। -दैनिक ट्रिब्यून

जोगिंदर सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 28 अगस्त
पंजाब विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव (पीयूसीएससी) में आज एनएसयूआई के पैनल की घोषणा के समय बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया। एनएसयूआई के चेयरमैन सिकंदर बूरा ने उनकी सहमति से पैनल न चुनने पर मंच से ही अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
दरअसल चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एसएच लक्की ने सेक्टर-35 स्थित पार्टी के कार्यालय में पैनल की घोषणा के लिये वर्करों और मीडिया को बुलाया था। पहले तो काफी देर तक सिकंदर बूरा का इंतजार होता रहा और लक्की बार-बार उनके आने की बात कहते रहे।
जब एनएसयूआई चेयरमैन सिकंदर बूरा वहां पहुंचे और उन्हें नाम घोषित करने के लिये पैनल थमाया गया तो उन्होंने इस पर नाराजगी जताते हुए इसे दिल्ली का तुगलकी फरमान बताकर खारिज कर दिया और मंच से ही अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। इतना ही नहीं वे वहां से तुरंत उठकर चले गये।
हालांकि बाद में वहां मौजूद कांग्रेस नेताओं ने राहुल नैन को पीयू छात्र संघ चुनाव के लिये पार्टी की ओर से अध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया और अर्चित गर्ग को उपप्रधान पद के लिये खड़ा करने की घोषणा की। राहुल नैन किसी बड़े राजनेता के सुपुत्र बताये जाते हैं जिसे लेकर बूरा सहमत नहीं थे। एनएसयूआई की फूट सामने आने पर कई छात्र संगठनों ने इसे सोशल मीडिया पर खूब वायरल कर दिया और एक तरह से इसे चुनाव से पहले हार स्वीकार करने जैसा बताया।

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एबीवीपी ने अध्यक्ष पद के लिये उतारी महिला उम्मीदवार

इस बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पहली ऐसी पार्टी बन गयी जिसने चारों पदों के लिये अपना पूरा पैनल चुनाव मैदान में उतारा है। अभी तक कोई भी पार्टी पूरा पैनल देने में नाकाम रही है। प्रधान पद के लिये एबीवीपी ने एक महिला उम्मीदवार अर्पिता मलिक (यूआईएलएस) पर दांव खेला है। कौंसिल चुनाव के लिये अर्पिता के अलावा एक अन्य महिला उम्मीदवार अंबेडकर स्टूडेंट्स फोरम की ओर से अलका को उतारा गया है, जो अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रही हैं। एबीवीपी की ओर से सचिव पद पर आरव सिंह (यूआईईटी), उपप्रधान पद पर अभिषेक कपूर (डिफेंस स्टडीज) और संयुक्त सचिव पद के लिये जसविंदर सिंह जस्सी राणा (लॉ) को चुनाव समर में उतार दिया है। उम्मीदवारों का चयन करते हुए क्षेत्रों का विशेष ख्याल रखा गया है। सचिव, संयुक्त सचिव दोनों पंजाब से, उपप्रधान हिमाचल से और प्रधान हरियाणा से है। एबीवीपी के अध्यक्ष परविंदर नेगी और राष्ट्रीय मंत्री राहुल राणा ने पैनल की घोषणा करते हुए कहा कि वे कौंसिल में महिलाओं के लिये एक पद आरक्षित कराने का प्रयास करेंगे। चौबीसों घंटे गर्ल्स हॉस्टल में लड़कियों के बेरोकटोक आनाजाना सुनिश्चित करेंगे। रिसर्च स्कॉलरों, दिव्यांगों के लिये हॉस्टल व्यवस्था और साउथ कैंपस में सेंट्रल लाइब्रेरी व रीडिंग हॉल खुलवाने का वादा करते हैं। प्रधान पद की उम्मीदवार अर्पिता मलिक ने दावा किया कि वे पीयू की राजनीति बदलने के इरादे से आयी हैं और एबीवीपी उन्हें इसके लिये एक उचित मंच मिला है।

सीवाईएसएस ने प्रिंस चौधरी को खड़ा किया

आम आदमी पार्टी (आप) के छात्र संगठन सीवाईएसएस (छात्र युवा संघर्ष समिति) की ओर से प्रिंस चौधरी (यूआईएलएस) को प्रधान पद के लिये अपना उम्मीदवार घोषित किया गया है। सीवाईएसएस भी अकेले प्रधानी पद पर ही चुनाव लड़ेगी। पार्टी लाइक माइंडेड अन्य छात्र संगठनों के साथ तालमेल कर सकती है। सोपू भी एक पद के लिये उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है। इसी तरह से यूएसओ और एएसएफ ने भी अपने प्रत्याशी उतारने की बात कही है। सत्थ और पुसू पहले ही एक-एक पद के लिये उम्मीदवारों की घोषणा कर चुके हैं। हालांकि इस बार सोई, एचपीएसयू, हिमसू, इनसो, एसएफएस, पीएसयू ललकार और एसएफआई जैसे संगठनों की ओर से अभी तक कोई सुगबुगाहट नहीं है।

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फिर उड़ीं आदर्श आचार संहिता की धज्जियां

स्टूडेंट्स सेंटर पर आज फिर छात्र संगठनों ने खुलेआम जेएम लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन किया और सेंटर पर बड़े-बड़े प्रिंटेड फ्लैक्स, बैनर और पोस्टर लहराये। एबीवीपी की ओर से घंटों तक सेंटर पर चुनावी घोषणा के 12 बिंदुओं वाला बड़ा फ्लैक्स झूलता रहा। पुलिस और सिक्योरिटी मूकदर्शक बन कर सब कुछ देखती रही। इतना ही नहीं वहां से डीएसडब्ल्यू आफिस के लोग भी इसकी अनदेखी कर निकलते देखे गये। हालांकि कल भी डीएसडब्ल्यू ने एडवाइजरी जारी करने और वार्निंग देने की बात कही था लेकिन शायद छात्रों ने इसे ज्यादा सीरियसली नहीं लिया। आज भी कैंपस में सोपू, यूएसओ, एएसएफ और अन्य संगठनों के छात्र छपे हुए स्टीकर अपनी छाती और कंधों पर चिपका कर घूम रहे थे।

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