दो किसान बहनों को 6 साल बाद उपभोक्ता अदालत से मिला न्याय
जींद (जुलाना), 3 सितंबर (हप्र)
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेेकर सरकार चाहे कितना ही प्रचार प्रसार कर रही हो, लेकिन उसकी जमीनी सच्चाई अलग ही है। जींद के बरसोला गांव निवासी दो किसान बहनों की कपास की फसल वर्ष 2018 में जलभराव से पूरी तरह नष्ट हो गई। उन्होंने अपनी फसल का प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत बीमा करवाया हुआ था। फसल खराब होने के बाद दोनों बहनें बीमा कंपनी के अधिकारियों के कार्यालय में चक्कर काटती रहीं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार पीडि़त महिला किसानों ने उपभोक्ता अदालत को दरवाजा खटखटाया और अब छह वर्ष बाद उन्हें न्याय मिला है। उपभोक्ता अदालत के आदेश पर कंपनी ने दोनों किसान बहनों क्रमश: 97,200 रुपये व 93,556 रुपये के चेक दे दिये हैं।
दरअसल, बरसोला गांव निवासी सरोज पत्नी राजेश व मुन्नी पत्नी कुलदीप जो कि दोनों बहनें हैं और दोनो ही देवरानी-जेठानी भी हैं। मुन्नी की 1.8 हेक्टेयर भूमि में व सरोज की 1.8 हेक्टेयर भूमि में कपास की फसल बिजाई की हुई थी। इसका बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2018 में करवाया गया। सितंबर, 2018 में जलभराव के कारण दोनों किसान बहनों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। दोनों बहनों ने एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारियों को अपनी फरियाद की, परंतु लंबे समय तक उन्हें केवल आश्वासन ही मिले। उसके बाद दोनों बहनों ने जींद कोर्ट में एडवोकेट रणवीर सिंह नरवाल के माध्यम से जिला उपभोक्ता कमीशन में 28 सितंबर, 2020 को केस दायर किया। आखिरकार 6 जून, 2024 को उपभोक्ता अदालत जींद के अध्यक्ष एकके सरदाना की अध्यक्षता में दोनों किसान बहनों के पक्ष में फैसला सुनाया। उपभोक्ता अदालत ने इंश्योरेंस कंपनी एसबीआई जनरल को आदेश दिया कि पीडि़ता सरोज देवी को 97200 रुपये व पीडि़ता मुन्नी देवी को 93556 रुपये मुआवजा दिया जाये। मंगलवार को एडवोकेट रणबीर सिंह नरवाल ने बताया कि दोनों पीडि़त किसान बहनों को कंपनी द्वारा मुआजवजा राशि के चेक दिये गए हैं।