मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

घुमक्कड़ी की साझेदारी

07:29 AM Sep 06, 2021 IST

कोरोना की मार ऐसी है कि चाह कर भी लंबी यात्राओं पर निकलना नहीं हो पा रहा है। फिर भी अपने शहर और उसके आसपास के इलाकों को पिछले कई महीनों से खंगाल रहा हूं। पिछले कुछ महीनों में जो बटोरा है, उसे आपसे साझा करने की कोशिश करूंगा। शुरुआत एक रेल यात्रा से। बचपन से ही मुझे ट्रेन में सफ़र करना बेहद पसंद रहा है। जब भी नानी के घर गर्मी की छुट्टियों में जाना होता, मैं खिड़की वाली सीट सबसे पहले हथिया लेता। घर में भले ही सबसे छोटा था पर किसी की क्या मजाल कि जो मुझे खिड़की से उठा पाता। खेत-खलिहान, नदी-नाले, पहाड़, जंगल, गांव, पुल सभी की खूबसूरती आंखों में बटोरता। इस सफर में आसमान साफ था और धूप साल के हरे भरे पत्तों पर पड़कर उनका सौंदर्य दोगुना कर दे रही थी। साल (सखुआ) के पेड़ जहां अपने हरे भरे परिवार और क्रीम फूलों के साथ मुस्कुरा रहे थे तो वहीं कुछ पेड़ों में पतझड़ का आलम था। इन सब के बीच पलाश भी बीच-बीच में अपनी नारंगी चुनर फैला रहा था। कुल मिलाकर दृश्य ऐसा कि आंखें तृप्त हुई जा रही थीं। पर्ण विहीन पेड़ मन में एकाकीपन और गहरी शांति का सा आभास जगाते हैं। वैसे दिखते ये भी उतने ही खूबसूरत हैं। जाना भरी दुपहरी में था। खेत-खलिहान तो दूर से रूखे -सूखे दिख रहे थे पर जंगलों की छटा ही निराली थी।

Advertisement

झारखंड के खेतों में इन दिनों गेहूं की फसल पक चुकी है। गेहूं की झूमती बालियों और उनके पीछे पहाड़ जो साल के पेड़ों से निकले पत्तों का परिधान पहनकर अपनी जीवंतता का सबूत दे रहे थे। इस साल वसंत, वसंत की तरह नहीं आया बल्कि अपने साथ हल्की गर्मी लेकर आया। पलाश जो अमूमन मार्च के आखिर से अप्रैल तक झारखंड में फूलता है, इस बार फरवरी के अंत से ही फूलों से लद गया और मार्च के अंत तक अधिकांश पेड़ों के फूल झड़ भी गए। यूं तो इस रेल यात्रा में रांची से गया के बीच की हरियाली देखते ही बनती है पर गया से कोडरमा और रांची से मूरी के बीच के दृश्य मन को लगातार मुग्ध करते रहते हैं। अगर आप कभी इस रेलमार्ग से यात्रा करें तो इन स्टेशनों के बीच खिड़की से दिखते दृश्यों को देखना न भूलें। बहुत आनंद आता है इन दृश्यों को निहारने में और उन दृश्यों को साझा करने में।

साभार : ट्रैवल विद मनीष डॉट कॉम

Advertisement

Advertisement
Tags :
घुमक्कड़ीसाझेदारी