For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

25 दिन बाद नेशनल हाईवे-44 पर यातायात पूर्णतया बहाल

08:02 AM Mar 04, 2024 IST
25 दिन बाद नेशनल हाईवे 44 पर यातायात पूर्णतया बहाल
शाहाबाद में रविवार को शहर में लगा जाम।-निस
Advertisement

शाहाबाद मारकंडा, 3 मार्च (निस)
किसान आंदोलन के चलते अंबाला से पिपली जाने के लिए मारकंडा पुल के पास बनायी गयी मजबूत किलेबंदी देर सायं हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी, लेकिन बरसात और अंधेरा हो जाने के बाद तथा मशीन के खराब होने के बाद इसे रोकना पड़ा। रविवार फिर से कर्मचारी नयी मशीनों के साथ मौके पर लगभग प्रात: 10 बजे पहुंचे और साढ़े 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद अवरोधों को हटाकर यातायात पूर्ण रूप से चालू कर दिया गया। लेकिन दोनों साइड लिंक रोड पर भारी जाम लग गया। लगभग साढ़े 4 बजे पुलिस कर्मचारियों ने यातायात को व्यस्थित किया और नेशनल हाईवे पर यातायात पूर्णतया बहाल हो गया, जिससे आम आदमी ने राहत की सांस ली।
बीती सायं भी बारिश के बीच अवरोधक हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई थी, लेकिन एक लेयर हटाने के बाद मजबूत कंकरीट की बैरिकेड हटाने में मशीन जवाब दे गई, जिससे कार्रवाई रोकनी पड़ी और रविवार सुबह यह कार्रवाई पुन: शुरू हो गई। मौके पर मौजूद यात्री तरलोचन सिंह, संत कुमार, सुनील कुमार, रमेश कुमार ने कहा कि यह सरकार की नाकामी है कि जनता को लगभग 10 दिन बिना नैट के बिताने पड़े और 25 दिनों तक जीटी रोड सहित वैकल्पिक रास्तों पर भटकना पड़ा। उन्होंने कहा कि इन 25 दिनों में एक भी किसान पंजाब से शाहाबाद नहीं पहुंचा। ऐसे में इतनी फोर्स और भारी बैरिकेड्स लगाने का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को ही अपने ऊपर व अपने प्रबंधों पर विश्वास नहीं है तो वह आम जनता की सुरक्षा कैसे करेगी।

Advertisement

शाहाबाद में रविवार को अवरोधक हटाती जेसीबी।-निस

उन्होंने कहा कि लोग लगभग 3 सप्ताह से भटक रहे हैं और कहीं भी कोई कर्मचारी रास्ता बताने वाला नहीं है। उन्होंने ग्रामीण जनता को सैल्यूट किया जो दिन-रात यात्रियों को सही रास्ता बताने के लिए वैकल्पिक रास्तों पर डटे रहे।
उल्लेखनीय है शंभू बार्डर सहित हरियाणा की सीमाओं पर किसान आंदोलन के चलते शाहाबाद में नेशनल हाईवे से यातायात 10 फरवरी की रात को बंद कर दिया गया था और 11 फरवरी को शाहाबाद में नेशनल हाइवे की दोनों साईड दिल्ली से अमृतसर और अमृतसर से दिल्ली मारकंडा नदी पर सीमेंट के बेरिकेड लगा दिए गए थे। मारकंडा नदी के पुराने पुल पर आवाजाही 10 फरवरी को बंद कर दी गई थी और उसी दिन पुराने पुल पर भी करीब सात फीट ऊंची दीवार खड़ी कर दी गई थी और नेशनल हाईवे के साथ लगते सभी वैकल्पिक रास्तों के आगे खाई खोद कर उन्हें बंद कर दिया गया था।

Advertisement
Advertisement
Advertisement