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चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर टीएमसी का धरना

06:49 AM Apr 09, 2024 IST
चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर टीएमसी का धरना
नयी दिल्ली में सोमवार को चुनाव आयोग से मीटिंग के बाद आयोग कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे तृणमूल कांग्रेस के नेता। -दैनिक ट्रिब्यून
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नयी दिल्ली, 8 अप्रैल (एजेंसी)
सीबीआई, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग के प्रमुखों को बदलने की मांग को लेकर सोमवार को यहां चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से मिलने के बाद धरने की घोषणा की थी। राज्यसभा सदस्य सागरिका घोष ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से लोकसभा चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करने और विपक्षी दलों एवं इनके नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का ‘दुरुपयोग' रोकने का आग्रह किया।
तृणमूल कांग्रेस आरोप लगा रही है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भाजपा नीत केंद्र सरकार के इशारे पर विपक्षी दलों को निशाना बना रही हैं। धरने के दौरान घोष ने कहा, ‘हमने निर्वाचन आयोग से चुनावी शुचिता बनाए रखने के लिए संसदीय लोकतंत्र के नाम पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। ईडी, सीबीआई, एनआईए, आयकर विभाग को विपक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका जाए।'
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले, सागरिका घोष, विधायक विवेक गुप्ता, पूर्व सांसद अर्पिता घोष, शांतनु सेन, अबीर रंजन विश्वास और पार्टी की छात्र शाखा की पश्चिम बंगाल इकाई के उपाध्यक्ष सुदीप राहा को हिरासत में ले लिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि धरना दे रहे नेताओं को हिरासत में लेकर थाने ले जाया गया, क्योंकि क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू है और विरोध-प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। टीएमसी द्वारा जारी एक वीडियो में घोष ने कहा, ‘पुलिस ने हमें जबरदस्ती उठाया, हममें से कुछ लोग गिर गए। डोला सेन के पैर में चोट लगी है, उन्हें धक्का दिया गया।'
टीएमसी ने रविवार को एनआईए और भाजपा के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया था। जांच एजेंसी ने आरोपों से इनकार करते हुए विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था।

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‘एनआईए महानिदेशक की नियुक्ति की हो जांच’

तृणमूल कांग्रेस के नेता साकेत गोखले ने सोमवार को सवाल किया कि क्या केंद्र ने एनआईए के नये महानिदेशक की नियुक्ति से पहले चनुाव आयोग की मंजूरी ली थी। इस नियुक्ति की जांच की मांग उठाते हुए उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय एजेंसियों के साथ भाजपा की ‘सांठगांठ’ गहराती जा रही है। राज्यसभा सदस्य गोखले ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने 26 मार्च को एनआईए के पुलिस अधीक्षक डी.आर. सिंह से मुलाकात की थी और उसी दिन सदानंद दाते को एजेंसी का नया प्रमुख नियुक्त किया गया। गोखले ने दावा किया कि तिवारी कथित तौर पर एक ‘पैकेट’ के साथ सिंह से मिले थे और इस मुलाकात के दौरान, भाजपा नेता ने निशाना बनाने के लिए उन्हें टीएमसी नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक सूची सौंपी थी।

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