पाक के लिए खतरा
आठ जुलाई के दैनिक ट्रिब्यून में जी. पार्थसारथी का लेख ‘अमेरिकी वापसी के बाद मुश्किल में पाक’ विषय पर चर्चा करने वाला था। अमेरिका के बाइडेन प्रशासन ने जल्दी ही अफगानिस्तान से अपनी सेनाएं निकालने का फैसला किया है। उसने वहां से अपनी कुछ सेनाएं ही निकाली हैं कि तालिबानियों ने खून-खराबा शुरू कर दिया है। वास्तव में तालिबानियों को पाकिस्तान ने ही पैदा किया है और अब वही अफगानिस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान के लिए भी सिरदर्द बन गए हैं। जब सारी अमेरिकन सेनाएं अफगानिस्तान से चली जाएंगी तो बहुत सारे तालिबानी तथा अन्य आतंकी गुट पाकिस्तान में घुसपैठ करके वहां गृहयुद्ध की स्थिति पैदा कर सकते हैं।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
बदलाव की उम्मीदें
बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में बहुत बड़ा बदलाव किया गया। केंद्र सरकार युवा मंत्रियों के साथ मिलकर काम करने की कोशिश में है और ऐसी उम्मीद भी जताई जा रही है कि नये चेहरे जोश, उमंग, उत्साह के साथ बचे हुए तीन वर्षों में कदम से कदम मिलाकर बेहतर प्रदर्शन कर दिखायेंगे। इन मंत्रियों की चर्चा होने का मुख्य कारण पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति तथा आधी आबादी के 7 मंत्रियों को शामिल करके केंद्रीय मंत्रिमंडल में कुल 11 महिला मंत्रियों की संख्या हो गई है। सरकार को भरोसा है कि नये चेहरे लाने से विकास की गति तेजी से आगे बढ़ेगी।
नितेश कुमार सिन्हा, मोतिहारी
वीरभद्र का जाना
हि.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का निधन कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। उन्होंने रोहड़ू चुनाव क्षेत्र को छोड़कर अपने राजनीतिक करिअर में कभी भी कोई चुनाव नहीं हारा। वे प्रदेश में एकमात्र कांग्रेस नेता थे, जिन्हें अन्य पार्टियों के नेता भी बहुत सम्मान देते थे। प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में एक खालीपन आ गया है। इसे भरने में समय लगेगा।
नरेंद्र कुमार शर्मा, भुजड़ू, जोगिंदर नगर