वन विभाग इस वर्ष हिमाचल में नौ हजार हेक्टेयर में लगाएगा पौधे
शिमला, 30 जुलाई(हप्र)
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला में अपने आधिकारिक निवास ओक ओवर में बान का पौधा रोपकर 75वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया। इस वर्ष वन विभाग ने प्रदेश में नौ हजार हेक्टेयर भूमि में पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने सूखे और क्षतिग्रस्त पेड़ों के निस्तारण की मानक संचालन प्रक्रिया का भी शुभारंभ किया, जिसके तहत वन रक्षक स्तर पर दो पेड़ और मंडलीय वन अधिकारी स्तर पर 25 पेड़ काटने की अनुमति प्रदान की गई है।
रैखिक परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री ने वन संरक्षण अधिनियम के प्रथम चरण की स्वीकृति के पश्चात परियोजना के दायरे में आने वाले पेड़ों को काटने के लिए वन विकास निगम के अधिकारियों के साथ-साथ वन विभाग के वन अधिकारियों को भी शक्तियां सौंपने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने वन विभाग ई-फॉरेस्ट सॉफ्टवेयर की बीटा टेस्टिंग का भी शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य विभागीय कार्यों को सुव्यवस्थित करना तथा पारदर्शिता को बढ़ाना है।
उन्होेंने वन क्षेत्र में फलदार पौधों के रोपण को 30 से बढ़ाकर 60 फीसदी करने पर बल दिया, जिसके आगामी दस वर्षों में सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वन विभाग और निगम ने बीते वर्ष 15 हजार क्षतिग्रस्त पेड़ों को प्रसंस्कृत किया, जिससे लकड़ी की बिक्री से राजस्व प्राप्त हुआ। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार की रॉयल्टी आय मात्र डेढ़ वर्ष में 35 से बढ़कर 70 करोड़ रुपये हो गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक रणनीतिक फैसला लेते हुए वन विभाग की निर्माण शाखा को बंद करने का निर्णय लिया और इसे वानिकी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। श्री सुक्खू ने कहा कि लाहौल-स्पीति में महिला मंडल बढ़-चढ़ कर पौधरोपण गतिविधियों और वन संरक्षण में शामिल हो रहे हैं, जिससे महिलाओं के समूहों को राजस्व सृजन के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के संकल्प के तहत विभिन्न कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग सहित प्रदेश के अन्य विभागों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं जिससे कार्यशैली में सुधार होने के साथ ही लोगों को भी लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 31 मार्च तक प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य को हासिल करने में वन विभाग की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों से वन महोत्सव में भाग लेने वाले मंत्रियों और विधायकों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत की।
मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर ने बंजर पहाड़ियों पर पौधरोपण, ईको पर्यटन स्थलों को विकसित करने तथा वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के मामलों में तेजी लाने के लिए वन विभाग के समर्पित प्रयासों के बारे में बताया।
वन निगम में कम से कम 300 वन रक्षक किए भर्ती जायें : प्रीतम
बीबीएन (निस) : वन निगम कर्मचारी महासंघ की एक बैठक वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रीतम पाल ठाकुर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में निगम की कई मांगों पर चर्चा की गई और सरकार से उन मांगों की तरफ जल्द से जल्द विचार करने की मांग की गई। प्रीतम पाल ने बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा निगम हित में लिए गए फैसलों के लिए मुख्यमंत्री व निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची का आभार व्यक्त किया। प्रीतम पाल ने कहा कि जिस प्रकार वन निगम में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए 100 वन वीर भर्ती करने की मंजूरी दी गई है। निगम के कर्मचाारियों को अप्रैल माह से चार प्रतिशत की अतिरिक्त किश्त जारी करना भी कर्मचारियों के हित में लिया गया, सराहनीय फैसला है। उन्होंने कहा कि वन विकास निगम जो पहले काफी लंबे अरसे से घाटे में रहता था, वह अब उपाध्याक्ष केहर सिंह खाची के नेतृत्व एवं प्रबंधन द्वारा समय-समय पर किए गए सुधार और मेहनत द्वारा अब यह निगम करोड़ों के मुनाफे में आ चुका है। महासंघ सरकार से यह मांग भी करता है कि फील्ड स्टाफ की कमी को मद्देनजर वन निगम में कम से कम 300 वन रक्षक भर्ती किए जाएं, ताकि जंगल के अंदर पड़ी सूखी लकड़ी को समय पर चिन्हित किया जा सके एवं शीघ्र अति शीघ्र उस लकड़ी को जंगल से निकालकर उसे सड़ने से बचाया जा सके। इस अवसर पर कर्मचारी संघ बद्दी प्रधान सीता राम चौधरी, उप प्रधान बिशन दत्त, महासचिव पीन्द्र कुमार बांस्टू, कोषाध्यक्ष अमर चन्द वर्मा, कार्यालय सचिव नीरज कुमार, लेखा परीक्षक धर्म दास, मुख्य सलाहकार बिसन सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।