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इस बार कुरूक्षेत्र किसका मतदाताओं ने कहीं भी नहीं होने दिया स्पष्ट

10:56 AM May 27, 2024 IST
इस बार कुरूक्षेत्र किसका मतदाताओं ने कहीं भी नहीं होने दिया स्पष्ट
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ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 26 मई
कुरूक्षेत्र की सीट बुरी तरह फंस गई है। हालांकि दोनों मुख्य प्रत्याशी अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। लेकिन इन दानों में कहीं भी आत्मविश्वास नजर नहीं आता। कारण साफ है कि मतदाताओं ने कहीं भी यह स्पष्ट होने ही नहीं दिया है कि कुरूक्षेत्र विजय किसके हिस्से में आएगी। पिछले दो लोकसभा चुनावों में भारी मतों के अंतर से जीत हासिल करने वाली भाजपा किसान आंदोलन का गढ़ होने के कारण मुश्किल में नजर आई। वहीं विपक्ष भी मोदी नाम के बचे-खुचे मैजिक व नवीन जिंदल के पिछले कार्यकाल के दौरान आम लोगों के साथ बने जुड़ाव के सामने अनेक मौकों पर दबे-दबे से नजर आए। लबो-लुवाब ये है कि कोई भी सीना ठोक कर यह कह पाने की स्थिति में नहीं है कि इस बार कुरूक्षेत्र उसका है। कहा जाए तो धर्मनगरी कुरूक्षेत्र से ही तय होगी सरकार की अगली राह।
कुरुक्षेत्र लोकसभा चुनाव को लेकर शनिवार को प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया है। चुनाव नतीजे 4 जून को आएंगे। कुरुक्षेत्र सीट से वैसे तो 31 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे लेकिन असल मुकाबला भाजपा के नवीन जिंदल व गठबंधन के प्रत्याशी सुशील गुप्ता के बीच ही देखा जा रहा। नतीजों को लेकर अब प्रत्याशियों की हार जीत का गुणा भाग शुरू हो गई है। मतदान के बाद जहां खुद प्रसिद्ध उद्योगपति एवं भाजपा प्रत्याशी नवीन जिंदल की प्रतिष्ठा दांव पर है वहीं ‘सीएम नायब सैनी’ की साख का भी चुनाव है। इस चुनाव से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की प्रतिष्ठा इसलिए अधिक जुड़ी है क्योंकि वर्तमान में इसी कुरूक्षेत्र संसदीय क्षेत्र से नायब सैनी सांसद हैं। सैनी प्रदेशाध्यक्ष के साथ साथ मुख्यमंत्री भी है और इस लोकसभा सीट से पिछले दो चुनावों में भाजपा जितती आई है और दोनों चुनावों में कुरूक्षेत्र लोकसभा की जनता ने सैनी सांसदों को देश की सबसे बड़ी पंचायत में चुनकर भेजा है। हालांकि भाजपा इस लोकसभा सीट के लिए हैट्रिक के लिए चुनावी मैदान में है और गठबंधन अपनी साख बचाने के लिए चुनावी दंगल में है।
सीएम के लिए प्रतिष्ठा का सवाल कुरूक्षेत्र
जहां स्वयं मुख्यमंत्री नायब सैनी के लिए यह कुरूक्षेत्र का चुनाव मूछ का सवाल बना हुआ है वहीं 9 हलकों के भाजपा नेताओं के लिए भी यह चुनाव उनके फ्यूचर कर निर्णय करेगा। उनके साथ भाजपा की दिग्गज नेता कलायत विधानसभा से विधायक व पूर्व मंत्री कमलेश ढांडा, कैथल के विधायक लीला राम गुर्जर, पिहोवा से विधायक व पूर्व मंत्री संदीप सिंह, कुरुक्षेत्र से राज्यमंत्री सुभाष सुधा, गुहला के पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर के साथ-साथ कैथल से जिला प्रधान अशोक गुर्जर, पूर्व मंत्री कर्ण देव कंबोज, कृष्ण बेदी की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।
दो बार के सांसद नवीन जिंदल के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव
दो बार के सांसद रहे भाजपा प्रत्याशी नवीन जिंदल के लिए भी यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। लंबे समय से कांग्रेस में रहे हैं और सांसद रह चुके नवीन जिंदल का भी यह चुनाव भाग्य तय करेगा। हालांकि नवीन जिंदल की अच्छी छवि व मिलनसार स्वभाव के कारण 9 के 9 हलकों में उनके समर्थक व वोटर हैं लेकिन किसान आंदोलन के प्रभाव वाली इस सीट में टक्कर बनी हुई है। नवीन जिंदल ने मोदी मैजिक के साथ-साथ अपना स्वयं का घोषणा पत्र भी जारी करना पड़ा।
सुरजेवाला की परीक्षा
इधर मतदान के बाद गठबंधन प्रत्याशी सुशील गुप्ता के साथ-साथ चुनाव में उनके साथ जुड़े कांग्रेसी विधायकों व पूर्व विधायकों के अलावा आप के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। गठबंधन प्रत्याशी सुशील गुप्ता के कंधे से कंधा मिलकर चुनाव लड़ रहे राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला, लाडवा से विधायक मेवा सिंह, रादौर से विधायक बिशन लाल सैनी, कुरुक्षेत्र से पूर्व विधायक अशोक अरोड़ा, पूर्व मंत्री नरेेन्द्र शर्मा, गुहला के चार पूर्व विधायक दिल्लू राम बाजीगर, बूटा सिंह, फूल सिंह खेड़ी, पूर्व विधायक अमर सिंह ढांडे के पुत्र नरेश ढांडे, चुनाव लड़ चुके देवेंद्र हंस सहित कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
दावेदारों को आशंकित कर गई वोटरों की उदासीनता
पिछले लोकसभा चुनाव नायब सिंह सैनी को 6 लाख 88 हजार 629 मत मिले और कांग्रेस के निर्मल सिंह को 3 लाख 4 हजार 38 मत मिले और इस चुनाव में 3 लाख 84 हजार 891 मतों ने विजयी होकर सांसद नायब सिंह सैनी सांसद बने थे। पिछले चुनाव में वोट प्रतिशत 74 प्रतिशत था जोकि अबकी बार घटकर 66.56 रह गया। घटा मतदान प्रतिशत भी दावेदारों को आशंकित कर रहा है। अबकी बार कलायत में 66.16, कैथल में 69.42, गुहला में 66.47, थानेसर में 62.91 प्रतिशत रहा। इसी प्रकार पूंडरी में 57 प्रतिशत, पिहोवा में 62.91, रादौर में 72.31, लाडवा में 71.69 व शाहबाद में 69.89 प्रतिशत रहा।

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