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पानीपत शुगर मिल में इस बार रखा 65 लाख क्विंटल गन्ना पिराई का लक्ष्य

10:51 AM Aug 31, 2024 IST
पानीपत शुगर मिल में इस बार रखा 65 लाख क्विंटल गन्ना पिराई का लक्ष्य
पानीपत शुगर मिल में शुक्रवार को 28 मेगावाट टरबाइन मेंटेंनेस को लेकर खोली हुई मशीनरी। -हप्र

बिजेंद्र सिंह/ हप्र
पानीपत, 30 अगस्त
पानीपत के गांव डाहर में बने नये शुगर मिल में इस बार 2024-25 के सीजन में 65 लाख क्विंटल गन्ना पिराई का लक्ष्य रखा गया है। पिछले सीजन में पानीपत मिल में 63.43 लाख क्विंटल की पिराई हुई थी। चीनी की रिकवरी पिछले सीजन में 9.29 रही थी लेकिन इस बार 10 प्रतिशत रिकवरी का लक्ष्य रखा गया है। वहीं पिछली बार पानीपत जिला में किसानों द्वारा 26118 एकड़ में गन्ने की रोपाई की गई थी लेकिन इस बार गन्ने का रकबा 2800 एकड बढकर 28918 एकड़ हो गया है। शुगर मिल प्रबंधन द्वारा 10 नवंबर के आस पास मिल को चालू करने को लेकर सारी तैयारियां की जा रही है। शुगर मिल की मेनेटेंस और उसको चलाने का टेंडर दो साल के लिये ओम इंटरप्राइजेज को दिया गया है। कंपनी द्वारा शुगर मिल की सारी मशीनरी की मेनेटेंस का काम युद्ध स्तर पर जारी है और करीब 30 फीसदी मेंटेंनेंस का काम पूरा हो चुका है। मिल के एमडी मनदीप सिंह व चीफ इंजीनियर निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। पानीपत शुगर मिल प्रदेश के सहकारी क्षेत्र के मिलों में सबसे बडा मिल है। इसकी रोजाना की पिराई क्षमता 50 हजार क्विंटल गन्ने की है, इसकी पिराई क्षमता को गन्ने का रकबा बढ़ने पर 75 हजार क्विंटल तक बढ़ाया जा सकता है। शुगर मिल के एमडी मनदीप सिंह ने बताया कि मिल को चलाने को लेकर मेनेटेंस का कार्य पूरी तेजी से चल रहा है।
पानीपत मिल में लगी 28 मेगावाट की टरबाइन से करीब 32 करोड़ रूपये की बिजली बेची जायेगी। मिल ने पिछले सीजन में एचवीपीएन को 27 करोड़ की बिजली बेची थी। दो साल में मिल 47 करोड़ की बिजली बेच चुकी है। पानीपत के नये डाहर शुगर मिल में बिजली का उत्पादन करने के लिये 28 मेगावाट क्षमता की टरबाइन लगाई गई है और टरबाइन द्वारा बनायी गई 7 मेगावाट बिजली से तो शुगर मिल चलता है। जबकि बाकि 21 मेगावाट बिजली को हरियाणा विधुत प्रसारण निगम को बेचा जाता है। पिछले सीजन में शुगर मिल में लगी टरबाइन से बनी 4 करोड 24 लाख 33 हजार यूनिट बिजली को करीब 27 करोड़ में एचवीपीएन को बेचा गया था लेकिन इस बार 32 करोड रूपये की बिजली बेचने का लक्ष्य रखा गया है। इस टरबाइन की मेंटेंनेंस अब बेंगलुरू की त्रिवेणी कंपनी द्वारा की जा रही है।

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