8 नगर निगम, 4 नगर परिषद और 22 पालिकाओं में होगी जंग
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 11 दिसंबर
हरियाणा में नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका चुनावों की तैयारी तेज हो गई है। आठ नगर निगम, चार नगर परिषद और 22 नगर पालिकाओं के चुनाव जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में कराए जाने की संभावना है। उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद, हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने 6 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची जारी करने की योजना बनाई है। इसके बाद चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। ये चुनाव न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए बल्कि प्रदेश की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। भाजपा, कांग्रेस और अन्य दलों के लिए ये चुनाव साख बचाने और जनता का विश्वास जीतने की चुनौती बने हुए हैं। हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में मजबूत प्रदर्शन किया था, और अब पार्टी इस लहर को निकाय चुनावों तक ले जाना चाहती है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में भाजपा ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी संगठन ने मेयर और चेयरमैन पद के लिए अनुभवी और नए चेहरों की सूची तैयार करना शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) भी सक्रिय हो गया है, और विकास योजनाओं का खाका तैयार किया जा रहा है ताकि मतदाताओं को लुभाया जा सके। पार्टी का जोर उन पार्षदों को दरकिनार करने पर है जिन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होकर कांग्रेस का साथ दिया था। ऐसे पार्षदों की सूची तैयार की जा रही है, और भाजपा इस बार नए चेहरों पर दांव लगाने की योजना बना रही है। कांग्रेस पारंपरिक तौर पर नगर निगम के चुनाव पार्टी सिम्बल पर लड़ती है, लेकिन नगर परिषद और नगर पालिका चुनावों में स्वतंत्र उम्मीदवारों का समर्थन करती है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अपनी चुनावी रणनीति को पुनर्गठित कर सकती है ताकि भाजपा के शहरी प्रभुत्व को चुनौती दी जा सके।
विधानसभा चुनाव की तर्ज पर भाजपा उतार सकती है उम्मीदार
भाजपा को उम्मीद है कि विधानसभा चुनावों में मिली जीत का फायदा निकाय चुनावों में भी मिलेगा। भाजपा निकाय चुनावों को विधानसभा चुनावों की तर्ज पर लड़ने की योजना बना रही है। पार्टी ने पहले भी कई वर्तमान विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया था और यह फार्मूला सफल रहा। अब इसे निकाय चुनावों में लागू किया जा सकता है। भाजपा मेयर और चेयरमैन पद के लिए ऐसे वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतार सकती है जो विधानसभा टिकट से वंचित रह गए थे। मेयर पद की बढ़ी अहमियत के कारण कई नेता इस पद के लिए अपनी दावेदारी जता रहे हैं, क्योंकि प्रोटोकॉल में मेयर का दर्जा विधायक और सांसद से भी ऊपर होता है, जिससे यह पद और आकर्षक बन गया है।
"भाजपा नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका के चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। पार्टी के कार्यकर्ता चुनावों के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। भाजपा पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी और विधानसभा की तरह निकायों के चुनावों में भी जीत हासिल करेगी। हरियाणा में डबल इंजन की सरकार है और निकायों में जीत के साथ ट्रिपल इंजन की सरकार प्रदेश में काम करेगी।"
-नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री
एंटी-इन्कम्बेंसी को अवसर में बदलना चाहती है सरकार
तीसरी बार सत्ता में आने के बावजूद, सरकार एंटी-इन्कम्बेंसी की छाया से बाहर निकलने के लिए निकाय चुनावों को सकारात्मक माहौल में करवाना चाहती है। भाजपा को उम्मीद है कि विधानसभा चुनावों में मिली जीत का फायदा निकाय चुनावों में भी मिलेगा।
चुनाव आयोग की तैयारी
हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनावों की तैयारी तेज कर दी है। आयोग ने 6 जनवरी तक अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करने का निर्देश दिया है। राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने जिला उपायुक्तों और नगर निगम आयुक्तों को चुनावी तैयारियां तेज करने के निर्देश दिए हैं।
17 दिसंबर को प्रारंभिक मतदाता सूची प्रकाशित होगी।
23 दिसंबर तक दावे, आपत्तियां और संशोधन किए जा सकेंगे।
27 दिसंबर तक दावों का निपटारा किया जाएगा, और अंतिम सूची 6 जनवरी को जारी होगी। इसके बाद चुनावों की घोषणा की जाएगी।
यहां होंगे चुनाव
निगम : गुरुग्राम, फरीदाबाद, मानेसर, हिसार, करनाल, रोहतक, पानीपत और यमुनानगर। हरियाणा में कुल 11 नगर निगम में सेे 8 नगर निगमों में चुनाव होने हैं।
नगर परिषद : अम्बाला कैंट, पटौदी मंडी, थानेसर और सिरसा।
नगर पालिकाएं : बराड़ा, बवानीखेड़ा, लोहारू, सिवानी, फरुर्खनगर, जाखल मंडी, नारनौंद, बेरी, जुलाना, कलायत, पूंडरी, इंद्री, नीलोखेड़ी, अटेली मंडी, कनीना, तावड़ू, हथीन, कलानौर, कालांवाली, खरखौदा और रादौर। मानेसर नगर निगम में अभी तक एक बार भी चुनाव नहीं हुए हैं।