मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

पुराने में स्मॉग था, नए में फॉग है

06:55 AM Dec 30, 2023 IST

सहीराम

Advertisement

पुराना साल था, तो पुराने में स्मॉग था। आंखें जलती थी और दम घुटता था। नया साल आ रहा है तो अब फॉग है। वो एक क्या विज्ञापन है, उसकी तर्ज पर कहा जाए तो आजकल फॉग ही चल रहा है। दिल्ली-एनसीआर में तो जरूर ही चल रहा है। स्मॉग पुराने साल की तरह पुराना हुआ। बीतते- बीतते जब नया साल पुराना हो जाएगा तो फिर स्मॉग छा जाएगा। दोष फिर किसानों पर आएगा कि देखो पराली जला रहे हैं। कभी नासा के तो कभी अपने ही सेटेलाइटों के फोटो दिखाकर बताया जाएगा कि देखो कैसे स्मॉग ने दिल्ली और उत्तर भारत पर अपनी चादर तान दी है। न ऑटोमोबाइल को इसका दोष दिया जाता है और न ही इंडस्ट्री को। भले ही कभी ऑड-ईवन से तो कभी कन्स्ट्रक्शन का काम बंद करके बचाव की सूरत निकाली जाती है। दिल्ली में तो डीजल के जनरेटर भी बंद कर दिए जाते हैं। लेकिन स्मॉग है कि जाता ही नहीं। दुआ की जाती है कि हवा चल जाए तो किसी तरह स्मॉग से छुटकारा मिले। हवा की क्वालिटी सुधरे। लेकिन स्मॉग अब कदीमी बीमारी हो गयी है। हर साल उभर आती है- पुराने दमे की तरह।
खैर जी, सूरज तो न तब दिखता था, न अब दिखता है। पर अब खों-खों की जगह सी-सी ने ले ली है। खों-खों में जहां खौफ होता है, पीड़ा होती है, वहीं सी-सी में रोमांच भी है और रोमांस भी। सेलिब्रिटीज दिल्ली की सर्दी के गुण ऐसे ही नहीं गाते। कभी मुंबई की बारिश को ऐसे ही याद किया जाता था- रोमांस और रोमांच के लिए। लेकिन जबसे अतिवृष्टि में मंुबई डूबी, तब से सारा रोमांस और रोमांच हवा हो गया। खैर, दिल्ली में सर्दी की अति हुई तो दिल्ली शिमला, मसूरी का सस्ता विकल्प बन जाएगी। जो भी हो, दिल्ली की सर्दी के जितने फायदे सेलिब्रिटीज गिना देते हैं, उतने आम लोग नहीं गिना पाते। बेचारा आम आदमी तो अपने सर्दी प्रेम में मूंगफली और गजक से आगे नहीं बढ़ पाता। लेकिन सेलिब्रिटीज सीपी और बंगाली मार्केट से लेकर पांच सितारा होटलों तक चक्कर मार आते हैं। फिर बड़े लोगों को गरीबों में कंबल वितरण का सुख भी प्राप्त हो जाता है।
दिल्ली की सर्दी में सांतावाली टोपी पहनकर आम लोग भी बड़े दिन के त्योहार का आनंद वैसे ही उठा सकते हैं, जैसे पंद्रह अगस्त को चौराहे से तिरंगा खरीदकर देशभक्ति का सुख उठाया जा सकता है। स्मॉग के खौफ से उबरे दिल्लीवालों को जब पता चलता है कि फॉग से ट्रेनें लेट चल रही हैं और विमानों की उड़ानें रद्द हो रही हैं तो उन्हें यूरोप का-सा रोमांच मुफ्त में मिल जाता है। खैर जी, नया साल आ रहा है- आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

Advertisement
Advertisement