आतंकवाद से निपटने में नहीं हो कोई ‘अगर-मगर’ : मोदी
वाशिंगटन, 23 जून (एजेंसी)
अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का आह्वान किया। अंग्रेजी भाषा में 60 मिनट के अपने भाषण में मोदी ने कहा, ‘आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई अगर या मगर नहीं हो सकता। हमें आतंकवाद को प्रायोजित तथा उसे फैला रही सभी ताकतों से निपटना होगा।’ मोदी अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को दूसरी बार संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए।
प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘अमेरिका तथा भारत वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक साथ खड़े हैं और आतंकवाद तथा हिंसक चरमपंथ की सभी रूपों में निंदा करते हैं।’ बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने अल-कायदा, इस्लामिक स्टेट, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन समेत संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ समन्वित कार्रवाई की मांग को दोहराया। इसमें कहा गया है, ‘उन्होंने सीमा पार आतंकवाद के लिए लोगों के इस्तेमाल करने की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया कि उसके कब्जे वाले किसी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमले करने के लिए न किया जाए। उन्होंने 26/11 मुंबई हमलों और पठानकोट हमले के दोषियों को सजा देने का भी आह्वान किया।’ उन्होंने आतंकवादी साजिशों के लिए मानवरहित ड्रोन और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों का दुनियाभर में इस्तेमाल बढ़ने पर भी चिंता व्यक्त की।
उधर, व्हाइट हाउस परिसर में आयोजित राजकीय रात्रिभोज में मोदी ने समानता एवं भाईचारे की कामना की। इस रात्रिभोज में 400 से अधिक अतिथियों में मुकेश अंबानी, आनंद महिंद्रा, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला और एप्पल के सीईओ टिम कुक समेत कई दिग्गज शामिल हुए। मोदी ने कहा, ‘हर गुजरते दिन के साथ, हम बेहतर कर रहे हैं। भारत में बच्चे ‘हेलोवीन’ पर ‘स्पाइडर मैन’ बनते हैं और अमेरिका में युवा ‘नाटु-नाटु’ की धुन पर नाच रहे हैं।’ भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेशमंत्री एस जयशंकर भी अमेरिकी राजनयिकों और बाइडेन प्रशासन के सदस्यों के साथ रात्रिभोज में शामिल हुए।
भारत को तेजी से होगी हथियारों की बिक्री !
अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में भारत को हथियारों की बिक्री में तेजी लाने के लिए एक विधेयक पेश किया गया। प्रतिनिधि सभा और सीनेट में पेश किए गए इस विधेयक में शस्त्र निर्यात नियंत्रण अधिनियम के तहत भारत को अमेरिका के अन्य साझेदार तथा सहयोगी देशों के बराबर लाने का प्रावधान किया गया है। इस बीच, रक्षा सहयोग बढ़ाने और महत्वपूर्ण सूचना साझा करने की प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन अमेरिकी कमानों में तीन संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति पर सहमत हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य संस्थानों में सुधार पर जोर
मोदी ने संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार की पुरजोर वकालत की। अमेरिकी संसद में मोदी ने कहा, ‘हमें बहुपक्षवाद को पुनजीर्वित करना होगा और बेहतर संसाधनों तथा प्रतिनिधित्व के साथ बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार करना होगा। यह बात शासन से जुड़े हमारे सभी वैश्विक संस्थानों पर लागू होती है, खासतौर से संयुक्त राष्ट्र पर। जब दुनिया बदल गई है, तो हमारे संस्थानों को भी बदलना चाहिए।’