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ड्यूटी ज्वाइन करने का सवाल ही नहीं, पंजाब सरकार को जो करना है, करे

07:20 AM May 09, 2024 IST
ड्यूटी ज्वाइन करने का सवाल ही नहीं  पंजाब सरकार को जो करना है  करे
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बठिंडा, 8 मई (निस)
केंद्र द्वारा त्यागपत्र मंजूर कर लिए जाने के बावजूद पंजाब सरकार ने आईएएस अधिकारी और बठिंडा से भाजपा प्रत्याशी परमपाल कौर की वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) खारिज कर ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कहा है। परमपाल कौर ने आईएएस की नौकरी से वीआरएस लेकर भाजपा का दामन थाम लिया था, जिसके बाद उन्हें पार्टी ने बठिंडा से चुनावी मैदान में उतारा। भाजपा में शामिल होने से पहले उन्होंने अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था लेकिन अब जिस तरह से पंजाब सरकार ने उनके वीआरएस के आग्रह को खारिज कर वापस नौकरी पर लौटने को कहा है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि आगामी दिनों में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उन्हें अपना नामांकन भी दाखिल करना है।
पंजाब सरकार की ओर से परमपाल कौर के वीआरएस के आग्रह को इसलिए खारिज कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने इस्तीफा देने के साथ ही तीन महीने के नोटिस पीरियड को भी माफ करने की मांग की थी। पंजाब सरकार ने अपने नोटिस में स्पष्ट कर दिया है कि नोटिस पीरियड माफ करना केंद्र सरकार के नहीं, बल्कि राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में आता है, जिसे ध्यान में रखते हुए उनका वीआरएस खारिज कर दिया गया। परमपाल कौर ड्यूटी से रिलीव या रिटायर नहीं मानी जा सकती हैं। ड्यूटी ज्वाइन न करने की सूरत में उन्हें उचित कार्रवाई की चेतावनी जारी की गई है। पंजाब सरकार ने आदेश में कहा है कि उन्हें सेवानिवृत्त या सेवा से मुक्त नहीं माना जा सकता है। पंजाब सरकार के अधिकारियों ने वीआरएस लेने के लिए झूठे आधार देने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि परमपाल कौर राजनीतिक गतिविधियों में व्यस्त थीं। पंजाब सरकार ने उनकी वीआरएस की स्वीकृति के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया है।
वहीं, पंजाब सरकार के नोटिस के जवाब में भाजपा उम्मीदवार परमपाल कौर का कहना है कि पंजाब सरकार को जो कार्रवाई करनी है, करे। वह ड्यूटी ज्वाइन नहीं करेंगी, नामांकन पत्र भी दखल करेंगी और चुनाव भी लड़ेंगी। परमपाल कौर ने कहा है कि उनका इस्तीफा भारत सरकार द्वारा मंजूर कर लिया गया है। पंजाब सरकार जो करना चाहती है कर ले। अब उन्हें जो ठीक लगेगा वही करेंगी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने शामिल होने से पहले 10 अप्रैल को भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया था।

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