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8 निगमों, 4 परिषदों, 22 नगर पालिकाओं में नहीं सरकार

06:58 AM Oct 25, 2024 IST
8 निगमों  4 परिषदों  22 नगर पालिकाओं में नहीं सरकार
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 24 अक्तूबर
हरियाणा के 34 शहरों के लोगों को ‘छोटी सरकार’ का इंतजार है। इन निकायों के चुनाव लम्बे समय से पेंडिंग हैं। अब विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से जीत हासिल करके सरकार बना चुकी भाजपा निकायों के चुनाव करवाने की तैयारी में है। हालांकि सरकार की जल्दबाजी से एकदम कुछ नहीं हो पाएगा। इन शहरों को ‘अपनी सरकार’ के लिए अभी इंतजार करना होगा। 8 नगर निगमों, 4 नगर परिषदों व 22 नगर पालिकाओं के चुनाव अगले साल ही हो पाएंगे।
बेशक, राज्य चुनाव आयोग की ओर से निकायों के चुनावों को लेकर कवायद शुरू की जा चुकी है। लेकिन आयोग भी अपनी प्रक्रिया तभी आगे बढ़ा पाएगा, जब राज्य निर्वाचन विभाग की ओर से उसे विधानसभा चुनावों की ताजा वोटर लिस्ट मिल जाएगी। आयोग की ओर से इस संदर्भ में मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल को पत्र लिखा जा चुका है। पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव में व्यस्त होने की वजह से निर्वाचन विभाग को वोटर लिस्ट देने में वक्त लेगा।
राज्य चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त धनपत सिंह द्वारा इस सदंर्भ में मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल से बात कर चुके हैं। विभाग से वोटर लिस्ट मिलने के बाद आयोग द्वारा उसका अध्ययन किया जाएगा। राज्य चुनाव आयोग मतदाता लिस्ट को अंतिम रूप देने में भी करीब दो महीने का समय लेगा। इसके बाद आयोग को चुनाव के लिए 45 दिन चाहिए होंगे।
ऐसे में अगले साल फरवरी के आसपास चुनाव होने की अधिक संभावना है। जिन आठ नगर निगमों में चुनाव होने हैं, उनमें से मानेसर नगर निगम नया बनाया गया है। यहां पहली बार चुनाव होंगे। यह ऐसा पहला उदाहरण है जब सरकार ने मानेसर ग्राम पंचायत को सीधे ही नगर निगम बना दिया था। आमतौर पर पहले नगर पालिका, फिर नगर परिषद और इसके बाद आबादी के हिसाब से नगर निगम बनाए जाते हैं। लेकिन मानेसर की आबादी पहले से अधिक होने व जरूरत को देखते हुए मनाेहर सरकार ने मानेसर को नगर निगम बना दिया था। फरीदाबाद व गुरुग्राम नगर निगम का कार्यकाल पूरा हुए काफी वक्त हो चुका है। इसी तरह यमुनानगर, हिसार, करनाल, रोहतक व पानीपत नगर निगम का कार्यकाल भी पिछले साल दिसंबर में पूरा हो गया था। अंबाला सिटी, पंचकूला और सोनीपत नगर निगम का कार्यकाल अभी बचा है। भजनलाल सरकार ने फरीदाबाद को नगर निगम बनाया था। इसके बाद हुड्डा सरकार ने गुरुग्राम को निगम बनाया।

इन निगमों के होने हैं चुनाव

वर्तमान में हरियाणा के आठ नगर निगमों में चुनाव होने हैं। इनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, मानेसर, हिसार, करनाल, रोहतक, पानीपत व यमुनानगर शामिल हैं। यहां बता दें कि नगर निगम में मेयर के चुनाव डायरेक्ट होंगे। वहीं सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव चुने हुए वार्ड पार्षदों द्वारा किया जाएगा। 2018 में हुए पांच निगमों – यमुनानगर, करनाल, पानीपत, रोहतक व हिसार में मेयर पद का चुनाव भाजपा ने जीता था।

खाली हैं ये परिषद और पालिकाएं

हरियाणा में कुल 26 नगर परिषदों और नगर पालिकाओं का कार्यकाल पूरा हो चुका है। लम्बे समय से इनके चुनाव लंबित हैं। चार नगर परिषदों में अंबाला सदर, पटौदी मंडी, थानेसर और सिरसा शामिल हैं। इसी तरह 22 नगर पालिकाओं में बराड़ा, बवानीखेड़ा, लोहारू, सिवानी, फरुर्खनगर, जाखल मंडी, नारनौंद, बेरी, जुलाना, कलायत, सीवन, पुंडरी, इंद्री, नीलोखेड़ी, अटेली मंडी, कनीना, तावड़ू, हथीन, कलानौर, कालांवाली, खरखौदा व रादौर शामिल हैं। यहां बता दें कि नगर परिषद और नगर पालिका में अध्यक्ष पद के भी डायरेक्ट चुनाव होंगे।
''हमारी ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा गया है। विधानसभा चुनाव की वोटर लिस्ट के लिए लिखा है। वहां से लिस्ट आने के बाद उस पर काम करने और मतदाता सूचियों का संशोधन करने में हमें भी दो महीने का वक्त लगेगा। आयोग 8 नगर निगमों, 4 नगर परिषदों व 22 नगर पालिकाओं के चुनाव की कवायद शुरू कर चुका है।'' -धनपत सिंह, चुनाव आयुक्त हरियाणा
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