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‘धरती पर पेयजल सीमित, इसका संरक्षण जरूरी’

10:45 AM Nov 08, 2024 IST
‘धरती पर पेयजल सीमित  इसका संरक्षण जरूरी’
राजौंद के कॉलेज में बृहस्पतिवार को जिला सलाहकार दीपक कुमार विद्यार्थियों को अमृत 2.0 की जानकारी देते हुए।-हप्र
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कैथल, 7 नवंबर (हप्र)
राजकीय महाविद्यालय राजौंद में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग व जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन की ओर से एक दिवसीय युवा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकीय महाविद्यालय राजौंद के प्रधानाचार्य राम मेहर सिंह ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के वासो के जिला सलाहकार दीपक कुमार रहे। उन्होंने बताया कि अमृत 2.0 का विस्तारित नाम अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन है। जिसके तहत शहर के उपभोक्ताओं को हर घर नल से जल व सीवरेज व्यवस्था को उपलब्ध कराना है। साथ ही जल संरक्षण, जल की सुरक्षा व गुणवत्ता के साथ-साथ सीवरेज व सेप्टेज प्रबंधन व जल निकासी के लिए आवश्यक सुविधा का प्रबंध भी किया जा रहा है।
इस अवसर पर दीपक कुमार ने बताया कि धरती पर पानी की उपलब्धता अधिक है लेकिन पीने लायक जल सीमित मात्रा में है। इसलिए हमें जल संरक्षण के लिए प्रयास करने जरूरी हैं। पानी व्यर्थ न बहाएं। पेयजल की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए पेयजल पाइप के लिए के समय पर दुरुस्त करवाना भी जरूरी है।

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एफटीके फील्ड टेस्टिंग किट की दी जानकारी

दीपक कुमार ने विद्यार्थियों को एफटीके फील्ड टेस्टिंग किट के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फील्ड टेस्टिंग किट में पानी डालकर रखने के बाद 30 से 35 डिग्री तापमान पर 12 से 24 घंटे में पानी की गुणवत्ता का प्रमाण मिल जाएगा। किट में डालने के बाद पानी काला हो गया तो वह पीने योग्य नहीं है। ऐसे गांव में पानी की शुद्धता को लेकर विभाग की ओर से समाधान के प्रयास किए जाएंगे। दीपक कुमार ने बताया कि किट में पानी डालकर उसे अच्छी तरह हिलाएं और 12 से 24 घंटे के लिए रख दें। पानी का रंग हल्का भूरा रहा तो पानी पीने योग्य है। अगर पानी का रंग काला हो जाता है तो वह पानी पीने योग्य नहीं है। पानी जांच का आसान तरीका होने के कारण कोई भी व्यक्ति इस किट का प्रयोग कर सकता है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा दी जाने वाली सेवाओं से संबंधित शिकायत के निवारण तथा पंजीकरण हेतु नागरिक टोल फ्री नंबर 18001805678 से शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इस मौके पर बीआरसी विष्णु शर्मा, प्रोफेसर दीपक कुमार व अन्य स्टाफ मौजूद रहा।

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