पराली जलाने की घटनाओं में आई गिरावट : कृषि मंत्री
चंडीगढ़, 5 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को पराली को खेत में मिलाकर खाद के रूप में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे न केवल भूमि की उर्वरता में वृद्धि हो रही है बल्कि किसानों के लिए आर्थिक लाभ भी सुनिश्चित हो रहे हैं। वहीं पराली जलाने की घटनाएं भी कम हो रही हैं। राणा ने कहा कि फसल अवशेष को खेत में मिलाने से मृदा में कार्बन और अन्य पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे अगली फसलों की पैदावार में भी वृद्धि होती है।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान से साबित हुआ है कि खेत में पराली मिलाने से मृदा का पोषक चक्र मजबूत होता है और मृदा कार्बन का स्तर बढ़ता है, जिससे अगले फसलों की उपज में भी सुधार होता है। उन्होंने बताया कि कई प्रगतिशील किसान अब फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाकर उर्वरक के रूप में उपयोग कर रहे हैं। इस प्रक्रिया से न केवल प्रति वर्ष 3 से 5 क्विंटल प्रति एकड़ फसल की पैदावार में वृद्धि हो रही है, बल्कि यूरिया की खपत भी कम हो कर लागत में कटौती हो रही है।
यमुनानगर जिले के बकाना गांव के किसान राजेश सैनी का उदाहरण देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि उन्होंने पिछले तीन वर्षों से पराली को जलाने की बजाय खेत की मिट्टी में मिलाया है, जिससे उनकी फसल की पैदावार लगभग छह क्विंटल प्रति एकड़ बढ़ गई है।