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और भी बेहतर विकल्प हैं कनाडा के सिवा

04:00 AM Dec 12, 2024 IST
और भी बेहतर विकल्प हैं कनाडा के सिवा
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पढ़ाई व रोजगार के लिए बड़ी संख्या में भारतीय छात्र कनाडा का रुख करते रहे हैं। लेकिन हालिया कुछ घटनाओं व नातिगत बदलावों के चलते वहां शिक्षा हासिल करने, जॉब मिलने व पीआर वीजा मिलने में दिक्कतें बढ़ी हैं। ऐसे हालात में दुनिया के कई देश कनाडा के विकल्प हैं जहां भारतीय युवा शिक्षा व जॉब का सपना साकार कर सकते हैं।

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नरेंद्र कुमार

जब से भारत और कनाडा के बीच किन्हीं वजहों से राजनयिक तनाव बढ़ा है,तब से कनाडा ने भारतीय छात्रों को कई तरह से परेशान करना शुरू कर दिया है। मसलन-वीज़ा प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की जा रही है। इससे छात्रों को अपनी पढ़ाई शुरू करने में मुश्किलें हो रही हैं। वर्क परमिट और पीआर में सख्ती हो रही है। चूंकि भारत से जाने वाले कई छात्र पढ़ाई के बाद कनाडा में ही काम करने या स्थायी निवासी बनने की योजना बनाते हैं,उसके लिए जरूरी वर्क परमिट और पीआर के नियमों को हाल ही में कनाडा ने और सख्त कर दिया है। इससे छात्रों को नौकरी ढूंढने और स्थायी रूप से बसने में कठिनाई हो रही है। साथ ही कुछ फर्जी एजेंट छात्रों को फर्जी कॉलेजों में दाखिला दिलाने का लालच देकर भी कुछ ज्यादा ही परेशान करने लगे हैं। इन सब वजहों से भारतीय छात्रों का कनाडा जाकर उच्च शिक्षा हासिल करना दिनोंदिन सिरदर्द बनता जा रहा है। ऐसे में चर्चा बढ़ गयी है कि क्यों न कनाडा का स्थाई विकल्प ढूंढ़ा जाये। दरअसल कई बेहतर विकल्प उभरकर भी आ रहे हैं।
सिंगापुर
सिंगापुर अपने उच्च शैक्षिक मानदंडों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। यहां की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर और नानयांग टेक्नोलाजिकल यूनिवर्सिटी जैसे विश्व स्तर पर रैंक हासिल करने वाले संस्थान हैं। सिंगापुर का बहुसांस्कृतिक समाज और स्वच्छ व सुरक्षित वातावरण, विशेष रूप से भारतीय छात्रों के फिट बैठता है। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए यहां अध्ययन हेतु कई तरह की छात्रवृत्तियां मौजूद हैं, जो पढ़ाई को ज्यादा सुलभ बनाती हैं। बड़े पैमाने पर भारतीयों की मौजूदगी भी भारतीय छात्रों को अनुकूल माहौल देती है। सबसे बड़ी बात, सिंगापुर में काफी आकर्षक जॉब मार्केट भी उपलब्ध है और भारत के साथ सिंगापुर के निकटवर्ती रिश्ते भी हैं, इसके अलावा सिंगापुर भारत के भौगोलिक रूप से भी नजदीक है।
आयरलैंड
भारतीय छात्रों के लिए कनाडा का एक महत्वपूर्ण विकल्प आयरलैंड भी साबित हो सकता है। आयरलैंड में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और डिग्री हासिल करने के बाद नौकरी के काफी विकल्प मौजूद हैं। विशेषकर टेक्नोलॉजी, बिजनेस तथा स्वास्थ्य सेवा में उच्च डिग्री हासिल करने वाले छात्रों के लिए। आयरिश सरकार का 24 महीने का अध्ययन के बाद का वीजा स्नातकों को रोजगार प्रदान करने की अनुमति देता है। जबकि प्रमुख वैश्विक कंपनियों की उपस्थिति मजबूत जॉब मार्केट प्रदान करती है। आयरलैंड का माहौल अंग्रेजी बोलने वाला है और इसकी जीवंत सांस्कृतिक विविधता भारतीय छात्रों के लिए इसे आकर्षक गंतव्य बनाती है। क्योंकि भारतीय छात्र भी सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्राथमिकता देते हैं।
नीदरलैंड
हाल के सालों में नीदरलैंड ने वैश्विक शिक्षा के नक्शे में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठा हासिल की है। भारतीय छात्रों ने भी नीदरलैंड में हमेशा रूचि दिखायी है। खासकर इंजीनियरिंग, पर्यावरण विज्ञान और लिबरल आर्ट्स के क्षेत्रों में यहां व्यापक शैक्षिक माहौल मौजूद है। नीदरलैंड के शोध संचालित संस्थान अपने अभिनव कार्यक्रमों के लिए जाने जाते हैं। नीदरलैंड की वीजा पॉलिसी भी अनुकूल और बहुसंस्कृति को स्वीकार करती है। इसलिए अकादमिक रूप से समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से उदार माहौल की तलाश करने वाले भारतीय छात्रों के लिए नीदरलैंड बेहतर मंजिल हो सकती है।
न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड ने अनुशासन वाली शैक्षिक व्यवस्था और उदार जीवनशैली के लिए हाल के सालों में दुनियाभर के छात्रों को आकर्षित किया है। भारतीय छात्रों के लिए यह पसंदीदा देश हो सकता है, विशेषकर उनके लिए जो उच्चस्तरीय शोध पर जोर देते हैं। पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र यहां भी वैश्विक टक्कर के हैं और न्यूजीलैंड में भी अध्ययन के बाद वर्क वीजा और रहने के लिए सुरक्षित वातावरण मौजूद है। इसलिए कनाडा का एक सक्षम विकल्प न्यूजीलैंड भी बन सकता है।
जापान
हालांकि भाषा के नाम पर कई लोग जापान में पढ़ने जाने से डरते हैं। लेकिन अगर आप इंजीनियरिंग और रोबोटिक्स में दक्षता हासिल करना चाहते हैं तो जापान आपका शानदार गंतव्य हो सकता है, लैंग्वेज संबंधी थोड़ी मेहनत करने के बाद। जापान में भी शिक्षा के बहुत ऊंचे मानदंड हैं और विशेष रूप से शोध छात्रों के लिए उच्चस्तरीय सुविधाएं मौजूद हैं। जापान में कुशल पेशवरों की बहुत इज्जत है, साथ ही यहां इनके लिए मजबूत नौकरी बाजार भी उपलब्ध है। भारतीय छात्रों के लिए ये बहुत अनुकूल है। भारत के 50 फीसदी से ज्यादा छात्र शाकाहारी होते हैं और जापान में शाकाहार का शानदार और आकर्षक वातावरण मौजूद है।

-इ.रि.सें.

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