थिएटर कमांड की रूपरेखा तैयार, सरकार की मंजूरी बाकी
अजय बनर्जी/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 21 मई
भारत के सबसे बड़े सैन्य सुधार ‘थिएटर कमांड’ की रूपरेखा तैयार हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक प्रस्ताव को अब मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। थिएटर कमांड के तहत साइबर, अंतरिक्ष, भूमि, वायु और समुद्र जैसे सभी तत्वों को एकीकृत करना है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के अधीन सैन्य मामलों का विभाग सरकार की मंजूरी लेने के लिए कदम उठाएगा। मंगलवार को सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने प्रौद्योगिकी में बदलाव, युद्ध की बदलती प्रकृति और तीन सशस्त्र बलों की क्षमताओं को एकीकृत करके 2047 तक तीन सीमांकित समयसीमाओं में चलने के लिए शुरू की गई सुधार-योजना का विवरण दिया। वह यहां राष्ट्रीय राजधानी में रक्षा मंत्रालय समर्थित थिंक-टैंक यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन में 22वें मेजर जनरल समीर सिन्हा मेमोरियल व्याख्यान में बोल रहे थे। उन्होंने खुलासा किया कि कैसे सेवा प्रमुखों और स्वयं उन्होंने ‘ऑपरेशन तिरंगा’ के तहत बैठकें कीं। सीडीएस और तीनों प्रमुखों के बीच 3-4 घंटे तक चलने वाली ग्यारह बैठकें हुईं। योजना की बारीकियों से निपटने वाले विशेषज्ञ समूह अनेक बार मिले।
'' थिएटर कमांड दीर्घकालिक योजना की शुरुआत है जिसका उद्देश्य भविष्य के लिए तैयार बल को मल्टी-डोमेन संचालन में सक्षम बनाना है। ''
- जनरल अनिल चौहान, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
वर्ष 2047 तक तीन चरणों की योजना
सीडीएस ने कहा कि योजना वर्ष 2047 तक की है। यह तीन चरणों में है। पहला, 2027 तक, उसके बाद अगले दस साल 2037 तक और उसके बाद अगले दस साल 2047 तक। उन्होंने कहा कि इस वर्ष से 44 ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों को केवल प्रशिक्षण कॉलेजों में संयुक्त संचालन का अध्ययन करने का काम सौंपा गया है। 2025 में इसे विस्तारित किया जाएगा। जनरल चौहान ने कहा, ‘तीनों सेनाओं के मौजूदा प्रारूप को बरकरार रखा जाएगा।’ उन्होंने कहा कि मध्य स्तर और ऊपर के स्तर पर एकीकरण किया जा रहा है।