For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

साधो दुनिया एक बाज़ार, रिश्ता सिर्फ कारोबार

06:49 AM Aug 27, 2024 IST
साधो दुनिया एक बाज़ार  रिश्ता सिर्फ कारोबार

आलोक पुराणिक

Advertisement

पीएम मोदी यूक्रेन गये, इससे पहले वह यूक्रेन के दुश्मन रूस में गये।
पीएम मोदी रूस से कच्चा तेल लेते हैं, डिस्काउंट पर। पीएम मोदी यूक्रेन के बास अमेरिका से सुरक्षा समझौते करते हैं। भारत का हाल दुनिया के बाजार में कबीर वाला है ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर। सबसे खरीदेंगे और सबको बेचेंगे। साधो दुनिया एक बाजारा, सारा रिश्ता कारोबारा।
कारोबार ही परम सत्य है। बाकी सब फर्जी बातें हैं। इस दुनिया में दुकानदार किसी का नहीं, वह सिर्फ मुनाफे का है। ऐसे ही ग्राहक किसी का नहीं है, वह सबसे सस्ती कीमत का है। यही परम सत्य है। इस बात को रूस के प्रेसीडेंट पुतिन समझते हैं इसलिए बुरा न मानते। भारत उनका ग्राहक है, ग्राहक से नाराज न हुआ जाता। नाराजगी रिश्तेदारों में शोभा देती है। ग्राहक से कोई नाराज न होता। अगर भारत रूस का ग्राहक न होता, तो पुतिन साहब फौरन बता देते कि भारत को रूस के साथ खड़ा होना चाहिए था। ग्राहकों से तमीज से बात करनी होती है यह भी एक बाजारी सत्य है।
अमेरिका भी समझता है कि भारत कई आइटमों का ग्राहक है उससे तमीज से बात की जाये।
भारत अब वर्ल्ड मार्केट में बड़ा कस्टमर है, उसके विदेशी मुद्रा कोष में करीब 675 अरब डालर हैं। भारत का हाल विश्व बाजार में उस कस्टमर का-सा है जो हाल में अमीर हो गया है और अब खुलकर कहता है कि अभी पुराने टाइप का बर्ताव नहीं चलेगा, हमको फुल इज्जत मांगता।
इज्जत अब बाजार में ही मिल रही है। दुनियाभर में शांति लाने का एक ही जरिया है कि सब कस्टमर बन जायें। फलस्तीनी अगर अमीर कस्टमर होते, तो सब उनकी चिंता करते। इस्राइल से दुनियाभर के देश कहते कि भाई बहुत हो गया। अब बंद करो। फलस्तीन की चिंता दुनिया का कोई बड़ा देश इसलिए नहीं कर रहा है कि किसी का भी धंधा मंदा नहीं हो रहा है, फलस्तीन की तबाही से। उधर हमास के लिए आतंक एक कारोबार है। हमास इस्राइल से जितना लड़ाई लड़ेगा उसे उतना ही ज्यादा फंड मिलेगा तमाम देशों से। हमास के बड़े नेता अय्याशी कर रहे हैं, भर-भर के नोटों में डूबे हुए हैं। मरने वाला अगर किसी का वोटर न हो, और गरीब हो तो फिर उसकी चिंता किसी को नहीं होती। गाजा पट्टी में जो मर रहे हैं, वो किसी के कस्टमर भी नहीं, किसी के वोटर भी नहीं। हां, उनके नाम पर वोट जरूर मांगे जा रहे हैं कई देशों में। पाकिस्तान के एक बड़े नेता हमास के नेताओं से मिलने कतर गये। पाकिस्तान में पाकिस्तानी पब्लिक के पास आटा-आलू नहीं है, पर उन्हें यह नहीं दिया जा रहा है, उन्हें हमास के नेताओं के फोटू दिखाये जा रहे हैं। जरूरत आटे की है, मिल रहे हैं हमास के नेताओं के फोटू।
पाकिस्तान में नेता ज्यादा चालू हैं या पाकिस्तान में पब्लिक ज्यादा बेवकूफ है, यह सवाल अपनी जगह कई सालों से खड़ा हुआ है।
चुनावी सीजन भारत में भी चल रहा है। तमाम राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। जम्मू-कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला की पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया है। कभी फारूक अब्दुल्ला की पार्टी भाजपा के साथ हुआ करती थी। यह पॉलिटिक्स का बाजार मॉडल है, दुकान में बैठे हैं जहां अच्छे रेट मिल जायेंगे, उसी को माल बेच देंगे।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×