आग में झुलसे मजदूर ने तोड़ा दम
रेवाड़ी, 11 अक्तूबर (हप्र)
रसोई गैस सिलेंडर से भड़की आग की चपेट में आये मां-बेटे को बचाते हुए बुरी तरह से झुलसे एक मजदूर की दो दिन बाद शुक्रवार को मौत हो गई। हादसे में मां-बेटे की मौके पर ही दो दिन पूर्व मौत हो गई थी। मजदूर की इस बहादुरी की क्षेत्र में खूब चर्चा हो रही है। ग्रामीणों ने उसे बहादुरी पुरस्कार व आर्थिक सहायता देने की गुहार लगाई है। मामला 9 अक्तूबर को जिले के गांव खोल में हुआ था। गांव की 55 वर्षीय महिला शकुंतला देवी ने जब रसोई में रखे गैस सिलेंडर पर खाना बनाने के लिए माचिस जलायी तो पहले से लीक हो रही गैस से आग भड़क गई। इसकी चपेट में आकर उसके कपड़ों में देखते आग लग गई। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर उसका 27 वर्षीय बेटा साकेत रसोई में पहुंचा और मां को बचाने का प्रयास किया। उसे बचाने के चक्कर में उसके कपड़ों में भी आग लग गई। इनका शोर सुनकर पड़ोस में राजमिस्त्री (मजदूर) का काम कर रहा 28 वर्षीय भीम सिंह वहां पहुंचा और मां-बेटे को बचाने के प्रयास में जुट गया। झुलसे मां-बेटे के कपड़ों में लगी आग से भीम सिंह के पहने कपड़ों में आग लग गई। वह भी झुलस गया। ग्रामीणों ने तीनों को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां मां-बेटे की मौत उसी दिन हो गई और शुक्रवार को जिंदगी मौत से जूझ रहे गरीब मजदूर भीम सिंह ने भी उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। बावल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट पर चुनाव हारे डा. एमएल रंगा शुक्रवार को मृतक मजदूर भीम सिंह के घर पहुंचे और परिजनों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग की कि औरों की जान बचाते हुए अपनी जान गंवाने वाले गरीब मजदूर को बहादुरी का पुरस्कार व परिजनों को आर्थिक मदद दी जानी चाहिए।