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बुनकरों ने छोड़ी छाप अंतिम दिन उमड़ी भीड़

06:32 AM Oct 31, 2024 IST
बुनकरों ने छोड़ी छाप अंतिम दिन उमड़ी भीड़
बहादुरगढ़ में बुधवार को कार्यक्रम में नेशनल अवार्ड विजेता हनुमान सैनी व उनकी शिष्या टि्वंकल को सम्मानित करते प्राचीन कारीगर एसोसिएशन के पदाधिकारी शिल्पी राजेंद्र प्रसाद बोंदवाल। -निस
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बहादुरगढ़, 30 अक्तूबर (निस)
सेक्टर-6 स्थित कम्युनिटी सेंटर में नाबार्ड प्राचीन कारीगर एसोसिएशन और रुडफ का 10 दिवसीय हस्तशिल्प एवं सांस्कृतिक उत्सव मेला बुधवार को रंगारंग कार्यक्रमों के साथ संपन्न हो गया। मेले में विभिन्न प्रदेशों के 90 से ज्यादा हस्तशिल्पी व बुनकरों ने अपनी कलाकृतियों से क्षेत्रवासियों पर विशेष छाप छोड़ी। हस्तशिल्प प्रदर्शनी के अंतिम दिन मेले में अधिक भीड़ जुटी। देशभर के हस्तशिल्प क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजे गए कलाकार बहादुरगढ़ में 10वीं बार आए थे। यहां उन्हें अपने कद्रदानों का प्यार मिला। उन्होंने जमकर व्यापार भी किया। इस बार के मेले में 19 प्रदेशों के कलाकारों ने हिस्सा लिया। बुधवार शाम तक भी मेले में खरीदारों की भीड़ जमी रही। मेले का एक भाग ग्रामीण माहौल और ग्रामीण संस्कृति से भी रुबरु
कराता रहा। मेले में हस्तशिल्पी और हथकरघा कारीगरों के अलावा विविध अंचलों की वस्त्र परंपरा और लोक नृत्यों का भी समागम किया गया। मेले में लगे स्टाल में पश्चिम बंगाल और असम के बांस और बेंत की वस्तुएं, पूर्वोत्तर राज्यों के वस्त्र, उड़ीसा एवं तमिलनाडु के हस्तशिल्प देखे, मध्य-प्रदेश, गुजरात, पंजाब और कश्मीर के परिधान, मुरादाबाद के पीतल के बर्तन और चंदन की लकड़ी के हस्तशिल्प भी पंसद किए गए। बहादुरगढ़ के बोंदवाल परिवार के काष्ठ शिल्प, बहादुरगढ़ की क्ले से जुड़ी कलाकारी के अलावा मुरादाबाद की पीतल से बनी आकर्षक वस्तुओं को देख लोग खुश नजर आये।
आखिरी दिन प्राचीन कारीगर एसोसिएशन की ओर से सभी शिल्पियों को सम्मानित किया गया।

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