सच सामने आए
12 मई के दैनिक ट्रिब्यून में संपादकीय चीन की करतूतों की पोल खोलता लगा। आज लगभग 6 सालों के बाद ड्रैगन के कुत्सित इरादों की पोल पट्टी जिस तरह से खुली है, वह उसके जैविक हथियारों से दुनिया को जीतने की कोशिश भर है। इस समय पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही है मगर चीन अपने काम-धंधे में व्यस्त है। वहां कोरोना संक्रमण से मौतों की कोई खबर नहीं आ रही है। चीन ने दुनिया के साथ जिस तरह धोखे पर धोखे किए हैं, उससे उसकी कलई खोलना जरूरी है। समस्त राष्ट्र एक होकर चीन द्वारा की जा रही मनमानी को रोकें।
अमृतलाल मारू ‘रवि’, धार, म.प्र.
मुसीबत पर मुसीबत
कोविड-19 के बाद अब गंभीर काले फंगस संक्रमण का पता चला है जो कोविड के रोगियों में देखा गया। यह मुख्य रूप से उन रोगियों को प्रभावित करता है, जिनका स्टेरॉयड और अन्य दवाओं के साथ कोविड-19 का इलाज किया गया है। इसके अलावा जिन लोगों को डायबिटीज, कैंसर जैसी दूसरी गंभीर बीमारियां हैं, वे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। इस फंगस ने रोगियों को सर्जरी के बाद अपने जबड़े और आंखें गंवाने के लिए मजबूर किया है। सवाल यह है कि क्या भारत इसे रोकने में सक्षम हो सकेगा?
कवरीन कौर, लुधियाना
नया संकट
कोरोना महामारी के दौर में मृतकों के दाह-संस्कार के लिए श्मशान में जगह कम पड़ रही है और लकड़ी भी नहीं मिल रही है। ऐसी परिस्थितियों में लोग मृतकों को नदी में प्रवाहित कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना से जलीय जीवों व जंगली पशु-पक्षियों पर भी संकट के बादल छाने लगे हैं। मानव अपनी परंपरा का निर्वहन करते हुए मृतक का धार्मिक किरिया कर्म के अनुसार ही संस्कार करे तो बेहतर होगा।
नितेश कुमार सिन्हा, मोतिहारी