विकास हत्याकांड में तत्कालीन इंस्पेक्टर ने अदालत में किया सरेंडर
सोनीपत, 28 अक्तूबर (हप्र)
गन्नौर अदालत परिसर में हुई विकास दूधिया की हत्या के मामले में सह आरोपी बनाए गए तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर कंवल सिंह ने अदालत ने आत्मसमर्पण कर दिया। आरोपी ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुभाष चंद्र सरोए की अदालत में आत्मसमर्पण किया। अदालत ने उसे 4 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उन्होंने जमानत की अर्जी भी लगाई है।
पानीपत के सिवाह गांव के रहने वाले वेदपाल ने 11 मार्च, 2016 को गन्नौर थाना पुलिस को शिकायत दी थी कि उनके चचेरे भाई विकास उर्फ दूधिया को गन्नौर अदालत परिसर में गोली मार दी गई। वह गन्नौर के अस्पताल में पहुंचे तो विकास मृत अवस्था में मिला। पता लगा था कि गोली मारने के आरोपी दिल्ली के मुंगेशपुर के गौरव और बरोणा के रूपेंद्र उर्फ नान्हा को मौके पर ही पकड़ लिया गया है। उनके साथ घेवरा निवासी रवि, बरोणा का अजय, दिल्ली का यशबीर, जाजी का राहुल भी थे। आरोपियों ने संदीप बड़वासनिया के कहने पर हत्या की वारदात को अंजाम दिया।
वेदपाल ने आरोप लगाया था कि वह 9 मार्च, 2016 को वह विकास से मिला था। उसने आरोप लगाया था कि गार्द इंचार्ज पुलिस इंस्पेक्टर कंवल सिंह और एएसआई भगत सिंह ने उसे धमकी दी है कि वे उसके साथी रामकरण और उसे खुद मार देंगे या मरवा देंगे। उनकी धमकी के बाद उसका भाई डरा हुआ था।