For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

पिता की सेहत भी संभालें घर के होनहार

07:54 AM Jun 12, 2024 IST
पिता की सेहत भी संभालें घर के होनहार
Advertisement

डॉ. मोनिका शर्मा
जून महीना पुरुषों की स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर सजगता लाने से भी जुड़ा है। इस माह को ‘मेन्स हेल्थ मंथ’ के रूप में मनाया जाता है जिसमें एक पूरा सप्ताह पुरुषों की हेल्थ प्रॉब्ल्म्स को लेकर सोचने और जागरूक होने को समर्पित है। साल 2024 में 10 -16 जून तक ‘इन्टरनेशनल मेन्स हेल्थ वीक’ मनाया जा रहा है। यह सप्ताह ठीक फादर्स डे के दिन ख़त्म हो रहा है। पिता के लिए इससे अच्छा उपहार क्या हो सकता है कि बच्चों द्वारा उनके स्वास्थ्य की संभाल-देखभाल को लेकर गंभीरता से सोचा जाए। क्यों न जीवन की आपाधापी में उलझे पिता की सेहत को लेकर बच्चे भी सचेत हों? हमेशा अपनों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने वाले डैड या पापा को भी उनकी परेशानियों को समझने वाला मन मिले। उनका हाथ थामकर चिकित्सक तक ले जाने और दवा खिलाने के लिए बच्चे भी समय निकालें। उनकी तकलीफ़ों को लेकर संवेदनशील बनें।

बच्चों का साथ आवश्यक

हमारे सोशल सिस्टम में बहुत सहजता से यह मान लिया जाता है कि घर के पुरुष सदस्यों को साथ, स्नेह और संवेदनशील बर्ताव की दरकार है ही नहीं। खासकर उस आयुवर्ग में जब वे अपनी जिम्मेदारियां संभालने योग्य हो जाते हैं। पिता, पति और बेटे के रूप में परिजनों के लिए हर मोर्चे पर भागमभाग करने लगते हैं। ऐसे में बड़े होते बच्चों का पिता के प्रति जुड़ाव ही संबल बन सकता है। शारीरिक स्वास्थ्य सहेजने के लिए ही नहीं, भावनात्मक मजबूती के मोर्चे पर भी यह प्रेम भरा साथ बहुत आवश्यक है। ध्यान रहे कि मेन्स हेल्थ फोरम द्वारा आयोजित किया जाने वाला यह वार्षिक कार्यक्रम भी पुरुषों के स्वास्थ्य को सहेजने के लिए हर फ्रंट पर समर्थन जुटाने की मुहिम है।

Advertisement

स्वास्थ्य की अनदेखी

अध्ययन बताते हैं कि पुरुषों की प्राइमरी हेल्थ केयर के लिए चिकित्सक के पास जाने की संभावना कम होती है। जिसके चलते हृदय रोग, कैंसर, और दुर्घटना में लगी चोटें, उनका जीवन छीनने के तीन प्रमुख कारणों में से हैं। वहीं उम्र के साथ हार्मोनल बदलावों से जुड़ी परेशानियां पुरुषों के भी हिस्से आती हैं। पेरेंटिंग की यात्रा के उतार-चढ़ाव में पिता भी साझेदार होते हैं। उनकी मनःस्थिति भी बदलती है। कई तरह की चिंताएं आ घेरती हैं। बावजूद इसके इस आयु में अधिकतर पुरुष अपनी हेल्थ को लेकर ज्यादा सजग नहीं रहते। अपनों की संभाल, जिम्मा उठाने वाले पिता, पति और बेटे खुद अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को सीरियसली नहीं लेते। मन ही मन परेशानियों से जूझते हैं। अपनी तकलीफ़ें बताने के बजाय अपनों की परेशानियों का हल निकालने में जुटे रहते हैं। ऐसे में बच्चे उन्हें खुद की देखभाल के लिए प्रेरित भी कर सकते हैं और प्रेम भरा दबाव भी बना सकते हैं। बच्चे जैसे बचपन में पिता से मनचाहा काम करवा लेते हैं वैसे ही बड़े होने पर उनके स्वास्थ्य की संभाल को लेकर भी डट सकते हैं, प्यारी सी जिद ठान सकते हैं। बात चाहे समय पर दवा लेने की हो या डाक्टर की सलाह लेने की, पिता बच्चों की बात नहीं टाल पाते।

Advertisement

अपनों की भूमिका अहम

पुरुषों की सेहत से जुड़ी चिंताओं के प्रति अवेयरनेस लाने और बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को संबोधित-प्रबंधित करने के लिए तय किया गया यह विशेष समय वाकई अहम है। ‘मेन्स हेल्थ वीक में चलाये जाने वाले जागरुकता अभियान यह भी बताते हैं कि घर के पुरुष मेंबर्स की हेल्थ संभालने के लिए अपनों की सक्रियता बेहद जरूरी है। अमेरिकी लेखक, राजनीतिज्ञ बिल रिचर्डसन ने कहा भी था कि “पुरुषों की स्वास्थ्य समस्याओं को पहचानना और उन्हें रोकना केवल पुरुषों का मामला नहीं है। इसका असर पत्नियों, माताओं, बेटियों और बहनों पर भी पड़ता है। जिसके चलते पुरुषों का स्वास्थ्य वास्तव में एक पारिवारिक मुद्दा है।’ असल में 1994 में अमेरिका में सीनेटर बॉब डोल और कांग्रेसी बिल रिचर्डसन द्वारा प्रायोजित बिलों से ही पुरुषों और लड़कों में बीमारियों की रोकथाम और शीघ्र पता लगाने से जुड़ी इस मुहिम की शुरुआत हुई थी।

स्वास्थ्य जांच को लेकर जागरूकता

दुनिया के हर हिस्से में पुरुषों की स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति लोगों में सजगता और संवेदनशीलता आवश्यक है। इस वर्ष पुरुष स्वास्थ्य सप्ताह का विषय ‘मेन्स हेल्थ चैक्स’ यानी ‘पुरुष स्वास्थ्य जांच’ है। यह थीम पुरुषों के बीच रोकथाम योग्य स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और बीमारियों की शीघ्र पहचान एवं इलाज को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। देखा जाए तो यह विषय पुरुषों के स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों और इलाज संबन्धित स्थितियों को समय रहते समझने के लिए कम्युनिटी लेवल पर जागरूकता, सपोर्ट और सामूहिक कार्रवाई के महत्व पर जोर देता है। पुरुषों द्वारा सक्रिय जीवनशैली अपनाने, एहतियात-परहेज, हेल्थ चेकअप शेड्यूल बनाने, हेल्थ प्रॉब्लम्स के बारे में खुलकर संवाद करने और स्वस्थ खानपान अपनाने की अवेयरनेस को बल देने के लिए यह एक रेखांकित करने योग्य मुहिम है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×