खत्म नहीं हुई खाद की किल्लत किसानों की बढ़ रही परेशानी
उकलाना मंडी, 4 नवंबर (निस)
किसानों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। खाद के लिए किसानों को भारी मारामारी झेलनी पड़ रही है। उकलाना मंडी में सुबह से ही किसान खाद विक्रेताओं तथा सहकारी समितियों के कार्यालय के सामने पहुंच जाते हैं और वहां लंबी लाइन लग जाती है, लेकिन उसके बावजूद भी किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ता है।
सोमवार को कॉआपरेटिव सोसाइटी गांव बुढा खेड़ा में खाद पहुंचने की सूचना किसानों को मिली थी और सुबह ही सैकड़ों की संख्या में किसान पैक्स कार्यालय के आगे पहुंच गए और लाइनों में खड़े हो गए। बताया जा रहा कि सोसायटी में डीएपी के 500 बैग पहुंचे हैं, लेकिन खाद लेने वाले किसानों की संख्या इससे भी ज्यादा हो गई। डीएपी खाद लेने आए किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जा रहे की प्रदेश में किसानों को डीएपी खाद को लेकर कोई किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी और न ही डीएपी खाद कमी है। सरकार के ये दावे सरासर झूठे और राजनीति से ओत-प्रोत हैं। किसानों को डीएपी खाद नहीं मिल रही है।
वही किसान अपनी सरसों या गेहूं की फसल की बिजाई समय पर नहीं कर पा रहे हैं। किसानों ने यह भी बताया कि सरकार और अधिकारियों द्वारा केवल प्रचार माध्यम से यह कहा जा रहा है कि डीएपी खाद की कोई किल्लत नहीं है, लेकिन हकीकत में कुछ और ही है। वे सुबह ही खाद लेने के लिए खाद विक्रेताओं के पास तथा पैक्स कार्यालय के पास पहुंचते हैं, लेकिन उसके बावजूद उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है।
सरकार से की ये मांग
किसानों ने सरकार से मांग की है कि खाद का रैक लगते ही ये सार्वजनिक किया जाना चाहिए कि किस शहर में कौन से खाद विक्रेता के पास कितनी मात्रा में खाद कब पहुंच रही है। खाद का वितरण कृषि विभाग के अधिकारियों की देखरेख में किया जाना चाहिए। किसानों ने बताया कि कई खाद विक्रेता पूरी गाड़ी को ब्लैक करके बेच रहे है और प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है।