दिल्ली में सजा मिट्टी के बर्तनों का बाजार, दिनभर रहती है खरीददारों की भीड़
चंडीगढ़, 20 नवंबर (ट्रिन्यू)
मिट्टी के बर्तनों के प्रति बढ़ती जागरूकता का असर अब दिखाई देने लगा है। लोग न केवल सेहत के दृष्टिकोण से बल्कि अपनी समृद्ध विरासत से जुड़ने के लिए भी मिट्टी के बर्तनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। 14 से 27 नवंबर तक नयी दिल्ली के भारत मंडप में आयोजित 43वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के हरियाणा पवेलियन में 36 स्टॉल्स लगाए गए हैं, जिनमें से एक प्रमुख आकर्षण मिट्टी के बर्तनों का है। पिछले 33 वर्षों से मिट्टी के बर्तनों का निर्माण कर रहे दयाराम ने बताया कि उनका उद्देश्य 'शुद्ध पकाओ, शुद्ध खाओ-पीओ' है। हरियाणा पवेलियन में दयाराम के अलावा दो अन्य स्टॉल भी मिट्टी के बर्तन प्रदर्शित कर रहे हैं, जिनमें हांडी, कढ़ाई, बॉल, कुल्हड़, गिलास और मिट्टी के तवे विशेष रूप से लोकप्रिय हो रहे हैं। एक अन्य स्टॉल पर, धर्मावती देवी द्वारा मिट्टी के बर्तन बनाने का लाइव डेमो दिया जा रहा है। यहां आगंतुक न केवल बर्तन बनाने की प्रक्रिया देख रहे हैं, बल्कि लाइव डेमो में सेल्फी भी ले रहे हैं।
आधुनिक लुक में मिट्टी के बर्तन
फरीदाबाद के मोहना निवासी दयाराम द्वारा बनाए गए मिट्टी के बर्तन अब आधुनिक लुक में हैं, जैसे कि मिट्टी का कुकर, जो खासतौर पर गृहणियों के बीच पसंदीदा बन चुका है। दयाराम ने कहा, "लोगों की सोच में बदलाव आया है और यही वजह है कि अब मिट्टी के बर्तनों की डिमांड बढ़ी है।" निशा ने भी बताया कि कुछ साल पहले मिट्टी के बर्तनों की बिक्री बहुत कम थी, लेकिन अब लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए हैं, जिसके चलते इनकी बिक्री में वृद्धि हुई है। निशा ने कहा कि मिट्टी के बर्तनों में पकाए गए खाद्य पदार्थों में पौष्टिकता बनी रहती है, भले ही पकाने में थोड़ा समय ज्यादा लगे।