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एस्टीमेट और बजट के फेर में उलझी आयुष पद्धति को बढ़ावा देने की योजना

09:49 AM Nov 26, 2024 IST
एस्टीमेट और बजट के फेर में उलझी आयुष पद्धति को बढ़ावा देने की योजना
जींद के कालवन गांव में बना राजकीय आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का भवन। -हप्र
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जींद, 25 नवंबर (हप्र)
जींद जिले के ग्रामीण क्षेत्र में आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने की योजना एस्टीमेट और बजट के फेर में उलझ कर रह गई है। इसके तहत जिले में कुल 6 गांवों में राजकीय आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी के नए भवनों का निर्माण होना था। अभी तक केवल एक गांव में ही राजकीय आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के भवन का निर्माण हो पाया है।
प्रदेश के आयुष विभाग ने ग्रामीण क्षेत्र में आयुष चिकित्सा सुविधाओं को और ज्यादा कारगर बनाने के लिए राजकीय आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के भवनों का निर्माण करवाने का फैसला लगभग 3 साल पहले लिया था। जींद जिले के 6 गांवों लिजवाना खुर्द, पिंडारा, कालवन, करेला, बीबीपुर और मालवी में राजकीय आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी(जीएडी) मंजूर हुई थी। इनमें से 3 साल में केवल कालवन गांव में राजकीय आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी के भवन का निर्माण हो पाया है। बाकी पांच गांवों में अभी तक राजकीय डिस्पेंसरी के भवनों का निर्माण नहीं हो पाया है।
बैठक में उठाया जाएगा मामला : सांसद सतपाल ब्रह्मचारी : सोनीपत के कांग्रेसी सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि लिजवान खुर्द, करेला और पिंडारा गांवों में राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय के भवनों के निर्माण के लिए अभी तक पंचायती राज विभाग द्वारा एस्टीमेट तैयार नहीं किए जाने का मामला जिला विकास एवं समन्वय समिति की बैठक में उठाया जाएगा। यह तीनों गांव उनके सोनीपत संसदीय क्षेत्र में आते हैं। बीबीपुर और मालवी गांवों में जीएडी के भवनों के लिए बजट भी दिलवाया जाएगा।
एस्टीमेट तैयार करने के लिए कर रहे पत्राचार : डीएओ : जींद के कार्यवाहक जिला आयुष अधिकारी डॉ. अमित रोहिला का कहना है कि पंचायती राज विभाग को लिजवाना खुर्द, पिंडारा और करेला गांवों में राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय के भवनों के निर्माण के एस्टीमेट तैयार करने के लिए पंचायती राज विभाग के साथ लगातार पत्राचार किया जा रहा है। कालवन गांव में राजकीय आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी के भवन का निर्माण पूरा हो चुका है।

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पंचायती राज विभाग ने एस्टीमेट ही नहीं किये तैयार

जींद जिले के कुछ गांवों में राजकीय आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी के भवनों के निर्माण की योजना के लिए अभी तक पंचायती राज विभाग ने एस्टीमेट ही तैयार नहीं किए हैं। इनमें लोजवाना खुर्द, करेला और पिंडारा गांवों की राजकीय आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी शामिल हैं। बीबीपुर और मालवी गांव की राजकीय आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी के भवनों के निर्माण के लिए अभी बजट अलॉट नहीं हुआ है। इस तरह जींद जिले के तीन गांवों में जीएडी के निर्माण की योजना एस्टीमेट के फेर में उलझ गई है, तो दो गांवों में बजट का पेंच फंसा हुआ है।

कई बार लिखे जा चुके पत्र

जींद का जिला आयुष अधिकारी कार्यालय लिजवाणा खुर्द, पिंडारा और करेला गांवों में राजकीय आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी के भवनों के निर्माण के एस्टीमेट तैयार करने के लिए कई बार पंचायती राज विभाग के कार्यकारी अभियंता कार्यालय को पत्र लिख चुका है। बार-बार के पत्रों के बावजूद अभी तक इन तीन गांवों में राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय के भवनों के निर्माण के एस्टीमेट पंचायती राज विभाग ने तैयार नहीं करवाए हैं।

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