अवैध खनन, जल दोहन से परेशान ग्रामीणों का दर्द आया सामने
चरखी दादरी, 28 अक्तूबर (हप्र)
अवैध रूप से हो रहे खनन व जल दोहन के मामले में जहां गांव रामलवास के ग्रामीण दो माह से विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के बाद भी धरने पर डटे हुए हैं। वहीं प्रशासन की क्रूरता या खनन माफिया का हठधर्मिता का भी दंश झेलने को ग्रामीण मजबूर हैं। अवैध खनन, जल दोहन से परेशान ग्रामीणों ने अपना दर्द बयां करते हुए पूरे हालातों के बारे में सच्चाई बताई और कहा कि अब समाधान नहीं हुआ तो ऐसे हालात हो गए कि पूरा गांव की पलायन करने पर मजबूर होगा।
बता दें कि चरखी दादरी के गांव रामलवास की पहाड़ियों में माइनिंग कंपनियों द्वारा अवैध खनन करते हुए अवैध रूप से जल दोहन किया जा रहा है। जमीन से करीब 300 फीट नीचे तक ब्लास्टिंग करके खुदाई करते हुए जल दोहन किया जा रहा है। जिसके चलते गांव व आसपास के डार्क जोन में खेती के साथ पीने का पानी भी खराब हो गया है। इसका असर आसपास के कई गांवों में पहुंच गया है और ऐसे ही हालात रहे तो आने वाले समय में करीब 50 गांवों में जमीनी पानी पर पड़ेगा। इस मामले में ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीणों द्वारा विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करते हुए एक भी वोट नहीं डाली। हालांकि प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, बावजूद इसके ग्रामीण अपनी मांगों पर डटे हुए हैं।
जिला पार्षद अनुवीर यादव, धर्मपाल सिंह, अतर सिंह नंबरदार, सुनीता देवी व संतोष इत्यादि ने बताया कि माइनिंग कंपनियों की हठधर्मिता दंश ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है। ऐसे हालात रहे तो ग्रामीण पलायन करने को मजबूर होंगे। बार-बार प्रशासन व सरकार को अवगत कराने के बाद भी कोई समाधान नहीं हो रहा है। जमीन से 300 फीट नीचे तक अवैध खनन कर जमीनी पानी को जहर बना दिया है। ग्रामीण धरने पर डटे हैं और मर मिटने तैयार हैं। इस मामले में जब माइनिंग कंपनी के ठेकेदार नरेंद्र सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया और कहा कि कुछ ग्रामीण अपने स्वार्थ के लिए धरना दे रहे हैं।