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ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज पर निर्भर करती है उपचार की पद्धति : डॉ लोहचब

08:26 AM Oct 03, 2023 IST
पीजीआई में सोमवार को एशिया सोसाइटी ऑफ मास्टोलोजी कॉन्फ्रेंस की शुरुआत करते पीजीआई के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एचके अग्रवाल।- निस

रोहतक, 2 अक्तूबर (निस)
स्तन कैंसर यानी ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो विश्व भर में बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रभावित करती है।
ऐसे में, इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपायों को जानना जरूरी है, जिससे आप समय रहते इलाज के लिए सही कदम उठा सकें। यह कहना है पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के निदेशक डॉ एसएस लोहचब का। डॉक्टर लोहचब रविवार को लेक्चर थियेटर पांच में सर्जिकल ओंकोलोजी एवं सर्जरी विभाग द्वारा हरियाणा चौप्टर ऑफ एएसआई, सिटी ब्रांच और आइएमए सिटी के सहयोग से आयोजित की गई एशिया सोसाइटी ऑफ मास्टोलोजी कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए थे।
इस अवसर पर चिकित्सकों को संबोधित करते हुए डॉ एसएस लोहचब ने कहा कि पीजीआई में सर्जिकल ओंकोलोजी एक अलग विभाग है और अब महिलाओं का यहां सफल ब्रेस्ट कैंसर का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत में ही पहचान कर इसे जड़ से खत्म कर सकते हैं।
उन्होंने कहा ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए कई विभागों को एक जुट होकर साथ कार्य करना होता है तभी बीमारी का सही तरीके से पता लगाकर हम उसे खत्म कर सकते हैं ऐसे में हम सभी को मिलजुल कर कार्य करना चाहिए। कुलसचिव डॉ एच के अग्रवाल ने कहा कि उन्हें यहां आकर काफी अच्छा लगा है क्योंकि यहां पूरे देश से विश्व विख्यात चिकित्सक अपने अनुभव साझा करने आए हुए हैं। डीन डॉ कुलदीप सिंह लालर ने बताया कि आज की इस कांफ्रेंस से संस्थान के पीजी छात्रों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा जिसका फायदा संस्थान में आने वाले मरीजों को मिलेगा।
इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ कुंदन मित्तल, डॉ आर के कड़वासरा, डॉ चिंतामणि ,डॉ गीता, डॉ कंचन कौर, डॉ नीरजा, डॉ अंशिका,डॉ ए आर बंसल, डॉ पुनीत महाजन, डॉ सतीश दलाल, डॉ रोहन, डॉ रवि चौधरी आदि सैकड़ों चिकित्सक उपस्थित रहे ।

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‘पीजीआई में अत्याधुनिक तकनीकें मौजूद’

ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ एमजी वशिष्ठ ने कांफ्रेंस में कहा कि ब्रेस्ट कैंसर पर काफी कार्य करने की जरूरत है क्योंकि लोग अभी इसके लक्षणों के प्रति अधिक जागरूक नहीं है। उन्होंने कहा कि पीजीआइएमएस में ब्रेस्ट कैंसर के इलाज की अत्य आधुनिक तकनीकें उपलब्ध है। डॉ चिंतामणि जोकि एशिया सोसाइटी ऑफ मैस्ट्रोलॉजी के प्रमुख है, उन्होंने मास्टर क्लास एंड सर्जिकल वीडियो वर्कशॉप ऑन कार्सिनोमा ब्रेस्ट, द आर्ट एंड द क्राफ्ट , ब्रिजिंग द गैप नामक इस कांफ्रेंस में ब्रेस्ट कैंसर के विभिन्न इलाजों की जानकारी दी। ब्रेस्ट कैंसर का उपचार किस पद्धति का प्रयोग करके किया जायेगा यह इस पर निर्भर करता है कि ब्रेस्ट कैंसर किस स्टेज पर है, कितना फैला है और ट्यूमर का आकार कितना बड़ा है।

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