परमात्मा से मिलन का जरिया सतगुरु होता है : कंवर साहेब
भिवानी, 13 अक्तूबर (हप्र)
सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने दिनोद गांव स्थित राधास्वामी आश्रम में सत्संग के दौरान कहा कि परमात्मा से मिलन का माध्यम सतगुरु ही होता है। उन्होंने श्री राम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि जिस श्री राम का हम गुणगान करते हैं, वे हमसे दूर नहीं हैं। यदि हम तुलसीदास जी जैसी लगन और संकल्प लेकर अपने मन की खटपट को मिटा दें, तो परमात्मा के दर्शन शीघ्र ही हो सकते हैं।
कंवर साहेब ने बताया कि सतगुरु, सत्संग और सतनाम ही कलियुग की भक्ति का आधार हैं। सत्संग अज्ञान का निवारण करता है और इससे बड़ा कुछ भी नहीं है। संतों के सत्संग से विवेक का जागरण होता है। उन्होंने कहा कि जिसके पास नाम है, वह शाहों का शाह है। नाम केवल कर्मों को काटता ही नहीं, बल्कि भ्रम को भी समाप्त करता है। यह संसार के साथ-साथ परलोक भी संवारता है। इसलिए नाम की महत्ता बहुत बड़ी है। उन्होंने आगे कहा कि नाम धारण करने वाले को और कुछ चाहिए नहीं होता, लेकिन समस्या यह है कि लोग संसार की इच्छाओं में उलझे रहते हैं और भवसागर से पार जाने की आकांक्षा रखते हैं। जो बड़ा कार्य करता है, वही बड़ा होता है। गुरु का गुरुमुख शिष्य और भक्ति में समर्पित भक्त सबसे बड़ा होता है।