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संतों का ज्ञाान वहां से प्रारंभ होता है, जहां बुद्धि की दौड़ खत्म हो जाती है : कंवर साहेब महाराज

10:11 AM Oct 21, 2024 IST
संतों का ज्ञाान वहां से प्रारंभ होता है  जहां बुद्धि की दौड़ खत्म हो जाती है   कंवर साहेब महाराज
भिवानी में रविवार को सत्संग में प्रवचन करते हुजूर कंवर साहेब महाराज। -हप्र
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भिवानी, 20 अक्तूबर (हप्र)
बौद्धिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अध्यात्म को नहीं परखा जा सकता। संतों का ज्ञान वहां से प्रारंभ होता है जहां बुद्धि की दौड़ खत्म हो जाती है। यह सत्संग वचन परमसंत सतगुरु कंवर साहेब जी महाराज ने दिनोद गांव में स्थित राधास्वामी आश्रम में फरमाए। हुजूर कंवर साहेब ने संगत को करवा चौथ के त्योहार की बधाई देते हुए दीर्घायु होने का आशीष दिया। उन्होंने उपस्थित बहनों को करवा चौथ की कथा सुनाते हुए कहा कि हिंदुस्तान में परंपराओं की जड़ बहुत मजबूत है। यहां हर व्रत त्योहार का अपना विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि हर त्योहार परमात्मा की भक्ति की प्रेरणा देता है। सन्तमत भी परमात्मा की भक्ति पर ही बल देता है बल्कि संत तो जीव को हर पल में चेतन रहने का उपदेश देते हैं। सन्त की बाणी इंसान की सांसों को अनमोल बनाती है। उन्होंने कहा कि वर्ष भर के प्रमुख तेरह व्रतों में करवा चौथ का व्रत प्रधान है। इसमें हिंदुस्तान की समस्त महिला शक्ति अपने-अपने सुहाग की मंगलकामना करती हैं।

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