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फुटपाथ से शुरू किया सफर चार फैक्टरी तक पहुंचा

10:15 AM Nov 27, 2024 IST
गुरुग्राम की कृष्णा यादव अपने अचार दिखाते हुए। -हप्र

विवेक बंसल/हप्र
गुरुग्राम, 26 नवंबर
बुलंद हौसले और ईमानदार कोशिश हो तो सफलता एक न एक दिन हासिल जरूर होती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है कृष्णा यादव ने। कभी सड़क किनारे फुटपाथ पर सब्जी बेच कर घर का गुजारा करने वाली कृष्णा आज गुरुग्राम के बजघेड़ा में अपनी मेहनत और लगन के दम पर चार फैक्टरियां संभालती है। साथ ही ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का भी काम कर रही है। समाज के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए कृष्णा ने बीएसएफ के शहीद जवानों की 47 वीरांगनाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने का अवसर प्रदान किया है।
दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित 43वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के हरियाणा मंडपम में एक ओर जहां हरियाणा की समृद्ध विरासत की झलक देखने को मिल रही है वहीं प्रदेश के लघु और कुटीर उद्योग व उनसे जुड़े उत्पाद लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। मेले में एक स्टॉल श्रीकृष्णा पिकल्स के नाम से हरियाणा मंडपम में है। इनके उत्पादों का घर जैसा स्वाद और इनकी शुद्धता लोगों के बीच काफ़ी पसंद किया जा रहा है।

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अचार बनाने के आइडिया ने बदली किस्मत

कृष्णा यादव बताती हैं कि किसी समय फुटपाथ पर सब्जी बेच कर परिवार का गुजारा करने को मजबूर थी। अकसर सब्जी बच जाती जिससे काफी नुकसान हो जाता था। तब एक तरकीब सूझी और बची हुई सब्जी का अचार बनाना शुरू किया और उसे भी सब्जी के साथ बेचने के लिए रखना शुरू किया। फिर किसी ने बताया कि पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान और कृषि विज्ञान केंद्र उजवा नयी दिल्ली में अचार बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है तो वहां से अचार, मुरब्बे, जूस आदि बनाए की ट्रेनिंग ली। शुरू-शुरू में अचार के सैंपल फ्री देने शुरू किए। लोगों को अचार पसंद आने लगा। अचार की मांग बढ़ने लगी तो आसपास के दुकानदार भी उनके अचार को रखने लगे। अचार की मांग बढ़ने से अब अकेले इतना अचार बनाना मुश्किल होने लगा, तो आस पास की महिलाओं को भी इस काम में शामिल किया। मांग इतनी बढ़ गई कि घर छोटा पड़ने लगा। तब गुरुग्राम में एक छोटी फैक्टरी शुरू की। अचार से शुरू हुई ये कहानी आज 152 तरह के प्रोडक्ट जैसे अचार, मुरब्बे के साथ-साथ जूस, जेली, चटनी और जैम तक जा पहुंची है।

वैल्यू एडिशन में पीएचडी डिग्री से किया सम्मानित

समाज में इनके बहुमूल्य योगदान के लिए इन्हें वैल्यू एडिशन (मूल्य संवर्धन) के क्षेत्र में पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री संजीव बाल्यान द्वारा पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है, वही इन्हें एन जी रंगा कृषि सम्मान, पंडित दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय पुरस्कार, नारी शक्ति सम्मान पुरस्कार, महिला किसान चैंपियन अवार्ड, कृषि नवाचार अवार्ड, खेती-किसानी नवाचार अवार्ड जैसे अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

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