धान के भाव में वृद्धि लागत मूल्य के अनुरूप नहीं : कौशिक
यमुनानगर, 20 जून (हप्र)
धान के भाव में की गई वृद्धि लागत मूल्य के अनुरूप नहीं है। यह कहना है हरियाणा के प्रगतिशील किसान व किसान नेता सतपाल कौशिक का। उन्होंने कहा सरकार द्वारा धान के भाव में लगभग 5% की वृद्धि की है, जो बढ़ती लागत को देखते हुए लाभकारी नहीं हो सकती। कौशिक ने कहा कि जब तक खेती घाटे का सौदा रहेगी तब तक देश तरक्की नहीं कर सकता, क्योंकि देश की 70% जनसंख्या खेती पर निर्भर है। यदि देश का किसान और खेती मजदूर खुशहाल नहीं होगा तो देश कभी भी खुशहाल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा की लागत मूल्य में हर वर्ष 10% से ज्यादा वृद्धि हो रही है। धान के भाव में सरकार ने 5% की वृद्धि करके किसानों के साथ मजाक किया है। उन्होंने कहा कि आज किसान का बेटा खेती से दूर हो रहा है। कोई विदेश में जा रहा है तो कोई किसी तरफ, जिसका मुख्य कारण खेती लाभकारी न होना है। कौशिक ने कहा कि आज देश में गेहूं, जौ, मक्का, चावल की किनकी से एथेनॉल और शराब का उत्पादन हो रहा है। इसके कारण सभी उपरोक्त खाद्यान्न की बाजार में मांग बढ़ी है और मांग बढ़ने से जो धान की किनकी पहले 1000 ₹1500 में बिकती थी वह अब ₹3000 प्रति क्विंटल के करीब बिक रही है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार द्वारा जो वृद्धि की है, वह लाभकारी नहीं है। सरकार को लागत मूल्य को देखते हुए पुनर्विचार करना चाहिए। धान का भाव कम से कम ₹3000 प्रति क्विंटल होना चाहिए।